बिहार के चर्चित आईएएस अधिकारी केके पाठक ने लंबी छुट्टी से लौटने के बाद शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का पदभार संभाला. काम पर लौटने के बाद केके पाठक एक बार फिर एक्शन में आ गए हैं. उन्होंने बिहार में भीषण ठंड को देखते हुए जिलाधिकारियों द्वारा आठवीं कक्षा तक के स्कूलों को बंद करने के आदेश पर सवाल उठाया है. केके पाठक ने सभी जिलाधिकारियों और कमिश्नरों को सलाह देते हुए पूछा है कि बिहार में ऐसी कौन सी सर्दी या शीतलहर चल रही है जो सिर्फ स्कूलों पर पड़ रही है, कोचिंग संस्थानों पर नहीं. साथ ही केके पाठक ने स्कूल बंद करने का आदेश वापस लेने का निर्देश दिया. पाठक के इस निर्देश के बावजूद नालंदा जिले के डीएम ने ठंड के कारण स्कूलों में छुट्टियों की अवधि एक बार फिर बढ़ा दी है.
नालंदा जिले के प्रारंभिक विद्यालयो की छुट्टी बढ़ी
दरअसल, नालंदा जिले में ठंड और शीतलहरी लगातार जारी है. जिले में लगातार पड़ रही कड़ाके की सर्दी तथा शीतलहरी को देखते हुए बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव को ध्यान में रखते हुए जिला पदाधिकारी शशांक शुभंकर के द्वारा एक बार फिर से प्रारंभिक विद्यालयों में पठन-पाठन को स्थगित रखने का निर्देश जारी किया गया है.
23 जनवरी तक बढ़ी छुट्टी
शशांक शुभंकर द्वारा जारी निर्देश के अनुसार जिले के सभी सरकारी व निजी विद्यालयों में पहली कक्षा से लेकर आठवीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं का पठन-पाठन अब 23 जनवरी तक बंद रहेगा. जबकि नौवीं कक्षा तथा इससे ऊपर के विद्यार्थियों के लिए विद्यालय का संचालन 9:00 बजे पूर्वाह्न से साढे तीन बजे अपराह्न के बीच सावधानी पूर्वक करने का निर्देश दिया गया है. इस अवधि में जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्र तथा नर्सरी और प्री नर्सरी विद्यालय भी बंद रहेंगे.
मिशन दक्ष की चलती रहेगी कक्षा
जिला पदाधिकारी के निर्देशानुसार विद्यालयों में संचालित मिशन दक्ष तथा बोर्ड परीक्षा के लिए संचालित विशेष कक्षाओं का संचालन पूर्ववत जारी रहेगा. इसके पूर्व जिला पदाधिकारी के द्वारा जिले में शीतलहर के प्रकोप को देखते हुए प्रारंभिक विद्यालयों का संचालन 13 जनवरी से 16 जनवरी तक तथा इसे बढाकर 17 से 18, फिर तीसरी बार 19 से 20 जनवरी तक स्थगित किया गया था.
अब जानिए केके पाठक का आदेश…
बता दें कि छुट्टी से लौटे ही एसीएस के के पाठक ने राज्य के सभी प्रमंडल आयुक्तों को एक पत्र भेजा है. जिसमें उन्होंने स्कूल बंद करने के आदेश को वापस लेने का निर्देश दिया है. केके पाठक द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि पिछले दिनों सर्दी या शीतलहर के कारण विभिन्न प्रमंडलों के विभिन्न जिलों में तरह-तरह के आदेश जिला प्रशासन के द्वारा दिए गए. इन आदेशों को देखने से ये लगता है कि धारा-144 के तहत ये फैसले किए गए हैं. लेकिन धारा 144 के तहत स्कूल बंद किया जाना एक गंभीर और वैधानिक मामला है.
स्कूल बंद किए जाने के फैसले पर उठाए सवाल
के के पाठक ने इस धारा के उपयोग करने को लेकर कहा कि अगर हम कानून की कोई ऐसी धारा का उपयोग करते हैं तो हमें ये ख्याल रहना चाहिए कि इसके तहत पारित आदेश न्यायिक जांच पर खरा उतरे. यह परिस्थिति सभी पर समान रूप से लागू होना चाहिए. उन्होंने स्कूल बंद किए जाने के फैसले पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि इस धारा के तहत केवल स्कूलों को ही क्यों बंद किया गया है. कोचिंग संस्थानों, सिनेमा हॉल, मॉल, दुकान आदि को क्यों बंद या इनकी समयावधि को नियंत्रित नहीं किया गया.
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ये कैसी सर्दी जो केवल स्कूलों में गिरती है : केके पाठक
केके पाठक के पत्र में कहा गया है कि स्कूल बंद कराने वाले जिला प्रशासन से ये पूछा जा सकता है कि कि ये कैसी सर्दी या शीतलहर है जो केवल स्कूलों में ही गिरती है और कोचिंग संस्थानों में नहीं गिरती?
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