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केके पाठक की वापसी से पहले नियोजित शिक्षकों के लिए बड़ी खबर, तीन लाख से ज्यादा टीचर को होगा फायदा

बिहार बोर्ड द्वारा ली जाने वाली सक्षमता परीक्षा में तीन लाख से अधिक नियोजित शिक्षक, विशिष्ट शिक्षक बनने के लिए परीक्षा देने के पात्र होंगे. परीक्षा की तारीख तय करने का निर्णय अब बिहार बोर्ड को लेना है.

बिहार सरकार ने स्थानीय निकाय शिक्षकों (नियोजित शिक्षकों) को राज्यकर्मी का दर्जा देने की मंजूरी दे दी है. हालांकि शिक्षकों को इसके लिए एक सक्षमता परीक्षा पास करनी होगी. कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद से नियोजित शिक्षक सक्षमता परीक्षा को लेकर अपडेट का इंतजार कर रहे हैं, तो आपको बता दें कि सक्षमता परीक्षा आयोजित करने की जिम्मेवारी बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को मिली है. शिक्षा विभाग ने सोमवार को इस आशय की अधिसूचना जारी कर दी है. बिहार बोर्ड द्वारा ली जाने वाली सक्षमता परीक्षा में तीन लाख से अधिक नियोजित शिक्षक, सरकारी शिक्षक (विशिष्ट शिक्षक ) बनने के लिए परीक्षा देने के पात्र होंगे.

विशिष्ट शिक्षक बनने के लिए पास करनी होगी सक्षमता परीक्षा

जानकारी के मुताबिक नियोजित शिक्षकों को विशिष्ट शिक्षक बनने के लिए सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी. नियोजित शिक्षकों को इस परीक्षा को उत्तीर्ण करने के लिए तीन अवसर दिये जायेंगे. नियोजित शिक्षक अगर यह परीक्षा उत्तीर्ण कर लेते हैं, तो उन्हें राज्य कर्मी की भांति सभी सेवा शर्तों का लाभ मिल सकेगा. उनके वेतन एवं प्रोमोशन के रास्ते भी खुल जाएंगे. इससे संबंधित नियमावली हाल ही में अधिसूचित कर दी गयी है.

बिहार बोर्ड लेगा तारीख पर निर्णय

बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 के नियम -4 में स्थानीय निकाय शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा के संबंध में विभाग को एक सरकारी एजेंसी का चयन करना था. इसी संदर्भ में शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव संजय कुमार ने यह अधिसूचना जारी की है.

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केके पाठक की वापसी से पहले नियोजित शिक्षकों के लिए बड़ी खबर, तीन लाख से ज्यादा टीचर को होगा फायदा 2

सूत्रों के मुताबिक पहली सक्षमता परीक्षा बिहार बोर्ड की माध्यमिक और इंटरमीडिएट परीक्षा के बाद कभी भी करायी जा सकती हैं. परीक्षा की तारीख तय करने का निर्णय अब बिहार बोर्ड को लेना है. शिक्षा विभाग की मंशा है कि इस साल हर हाल में तीनों सक्षमता परीक्षा आयोजित कर ली जाए.

2006-07 में शुरू हुआ शिक्षकों का नियोजन

शिक्षा विभाग के मुताबिक वर्ष 2006-07 में बड़े पैमाने पर पंचायत एवं नगर निकायों के माध्यम से शिक्षकों का नियोजन शुरू कराया था , ताकि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा सके. उस समय पंचायत समितियों एवं नगर निकायों के माध्यम से कुल तीन लाख 68 हजार शिक्षकों का नियोजन हुआ था. इसके बाद छठवें चरण में प्राथमिक और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों के लिए कुल 47 हजार शिक्षकों का चयन किया गया था.

राज्यकर्मी बनने के बाद उनका नाम विशिष्ट शिक्षक हो

हाल ही में नियोजित शिक्षकों के संगठनों ने सरकार से मांग की थी कि उन्हें भी राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाये. तमाम मशक्कत के बाद नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी की तरह सरकारी शिक्षक बनाने राज्य सरकार ने निर्णय लिया . हालांकि राज्यकर्मी बनने के बाद उनका नाम विशिष्ट शिक्षक हो जायेगा.

परीक्षा पास नहीं करने पर क्या होगा?

फिलहाल नियोजित शिक्षकों को विशिष्ट शिक्षक बनाने के लिए सक्षमता परीक्षा आयोजित की जाएगी. यह बेहद सामान्य परीक्षा होगी. जिसको पास करने वाले सभी नियोजित शिक्षक सरकारी शिक्षक बन जाएंगे. हालांकि जो शिक्षक परीक्षा पास नहीं कर पाएंगे. वे वर्तमान स्थिति में बने रहेंगे. उन पर निर्णय राज्य सरकार बाद में लेगी.

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विशिष्ट शिक्षक के समान माने जायेंगे शारीरिक शिक्षक

स्थानीय निकाय शिक्षक नियमावली 2020 से आच्छादित शारीरिक शिक्षकों को विशिष्ट शिक्षक के समान ही माना जायेगा. बशर्ते कि इस नियमावली के नियम चार के तहत उन्होंने सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण की हो. हालांकि उन्हें शारीरिक शिक्षक ही कहा जायेगा. विशिष्ट शिक्षकों की नियमावली बताती है कि स्थानीय निकाय शिक्षक नियमावली 2020 से आच्छादित अंशकालिक अनुदेशक इस नियमावली में आच्छादित नहीं माने जायेंगे.

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