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कोचिंग में पढ़ाने वाले सरकारी शिक्षकों पर चलेगा केके पाठक का डंडा, भगोड़े टीचर पर भी सख्त कार्रवाई का निर्देश

बिहार के सरकारी स्कूलों के भगोड़े शिक्षक अब निलंबित किए जाएंगे. उन पर भी विभागीय कार्रवाई की जायेगी. वहीं कोचिंग संस्थानों में पढ़ाने वाले सरकारी शिक्षकों पर भी कार्रवाई होगी. इसके लिए ऐसे शिक्षकों की पहचान की जायेगी.

बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निशाने पर एक बार फिर सरकारी शिक्षक हैं. इस बार उनके निशाने पर वैसे सरकारी शिक्षक हैं जो कोचिंग संस्थानों में बच्चों को पढ़ाने जाते हैं या फिर लंबे समय तक बिना बताए स्कूल से गायब रहते (भगोड़े) हैं. अब इन शिक्षकों पर कार्रवाई होगी. इस संबंध में अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने नए साल के पहले दिन राज्य के सभी जिलों के जिलाधिकारियों और उप विकास आयुक्तों को इससे संबंधित निर्देश जारी कर दिये हैं. निर्देश में कहा गया है कि राज्य के सभी सरकारी स्कूलों के भगोड़े शिक्षकों को निलंबित किया जायेगा. उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जायेगी. वहीं, कोचिंग संस्थानों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को भी कार्रवाई के लिए चिह्नित किया जाएगा. इसके अलावा शिक्षकों की छुट्टी लेने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने की भी योजना है.

भगोड़े शिक्षक होंगे निलंबित

आदेश में केके पाठक द्वारा दो टूक कहा गया है कि नव चयनित अध्यापकों में से भी 50 प्रतिशत विद्यालय अध्यापक स्कूल में योगदान नहीं दे कर भगोड़ा बन चुके हैं. आदेश में जिलाधिकारियों एवं उप विकास आयुक्तों से कहा गया है कि अगर आपके जिले में ऐसे भगोड़े अध्यापक हैं, तो उन्हें तुरंत निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई करने के आदेश जिला शिक्षा पदाधिकारी को दें. इस बारे में सख्ती से काम करें.

कोचिंग में पढ़ाने वाले सरकारी शिक्षकों पर होगी कार्रवाई

जिलाधिकारियों एवं उप विकास आयुक्तों को दिए गए अपने निर्देश में अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने कहा है कि विभाग में अभी भी ऐसी सूचना प्राप्त हो रहीं हैं कि हमारे शिक्षक कोचिंग संस्थानों में पढ़ाने जाते हैं. इसके लिए शिक्षक छुट्टी ले लेते हैं या समय से पहले ही स्कूल से चले जाते हैं. इस पर कड़ी निगरानी की जरूरत है. साथ ही शिक्षकों की इस प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए कोचिंग संस्थानों से इस आशय का प्रमाणपत्र या शपथ पत्र लें कि उनके संस्थान में कोई सरकारी शिक्षक-अध्यापक कोचिंग कक्षाएं नहीं लेते हैं.

अध्यापकों की छुट्टी लेने की प्रवृत्ति पर नियंत्रण रखने का निर्दे

अपर मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों और उप विकास आयुक्तों से यह भी कहा है कि आगामी बोर्ड परीक्षाओं को देखते हुए शिक्षकों और विद्यालय अध्यापकों की छुट्टी लेने की प्रवृत्ति पर नियंत्रण रखना होगा. दरअसल, कई जगहों पर निरीक्षण के दौरान विभाग को पता चला कि कुल शिक्षकों में से करीब एक तिहाई शिक्षक ऐसे हैं जो विभिन्न प्रकार की छुट्टियों पर हैं. बोर्ड परीक्षा के समय में यह स्थिति स्वीकार्य नहीं है.

दस फीसदी से अधिक शिक्षकों को नहीं मिलेगी छुट्टी

केके पाठक ने शिक्षकों की छुट्टी लेने की इस प्रवृत्ति के मद्देनजर प्रधानाध्यापकों को जिला शिक्षा पदाधिकारी के माध्यम से निर्देशित किया है कि अपने विद्यालयों में किसी भी हालत में 10 प्रतिशत से अधिक शिक्षकों का अवकाश स्वीकृत न करें. खास बात यह है कि इस संदर्भ में कई जिला शिक्षा अधिकारियों ने सभी प्रधानाध्यापकों और संबंधित पदाधिकारियों को निर्देशित भी कर दिया है, स्कूल में पदस्थ कुल शिक्षकों में दस फीसदी से अधिक शिक्षकों को किसी भी कीमत पर अवकाश न दें.

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प्रथम चरण में नियुक्त शिक्षकों को नवंबर का वेतन देने की कवायद शुरू

वहीं, बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा पहले चरण में चयनित वैसे शिक्षकों की विवरणी शिक्षा विभाग ने मांगी है, जिन्हें अभी-तक नवंबर महीने का वेतन भुगतान नहीं हुआ है, जबकि वह योगदान कर चुके हैं. यह विवरणी स्वयं शिक्षकों को ही गूगल-शीट पर अपलोड करना है. इस संबंध में शिक्षा विभाग के माध्यमिक शिक्षा निदेशक के माध्यम से आदेश जारी किया गया है. विभाग ने कहा है कि गूगल-शीट के लिंक पर दो दिनों के अंदर विवरणी अपलोड करें. मालूम हो कि पहले चरण में चयनित एक लाख शिक्षकों ने योगदान किया है.

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