बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक बुधवार से शिक्षा विभाग के एसीएस का पदभार संभाल सकते हैं. मंगलवार को उनकी छुट्टी का आखिरी दिन है. ऐसे में केके पाठक को लेकर कई तरह की अटकलें शुरू हो गई हैं. क्या केके पाठक बुधवार को शिक्षा विभाग लौटेंगे या अपनी छुट्टी बढ़ायेंगे? अब इस बात का खुलासा तो केके पाठक ही कर सकते हैं. हालांकि, हाल ही में सोशल मीडिया पर एक लेटर वायरल हुआ था, जिसके बाद उनके इस्तीफे की चर्चा शुरू हो गई थी. लेकिन शिक्षा विभाग की ओर से स्पष्ट किया गया कि केके पाठक अर्जित अवकाश पर हैं. इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने शिक्षा विभाग के सचिव वैद्यनाथ यादव को विभाग के अपर मुख्य सचिव के कार्य का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है.
आठ जनवरी से छुट्टी पर हैं केके पाठक
दरअसल, केके पाठक ने स्वास्थ्य कारणों से 8 जनवरी से 14 जनवरी तक छुट्टी ली थी. इसी बीच एक दिन अपर मुख्य सचिव अचानक विकास भवन सचिवालय स्थित शिक्षा विभाग में अपने कक्ष में पहुंच गये. वह कुछ देर वहां रुके, कुछ जरूरी काम निपटाए और फिर लौट आए. इसके बाद केके पाठक ने अपनी छुट्टी दो दिन और बढ़ाकर 16 जनवरी तक कर दी. जो मंगलवार को समाप्त हो रही है.
अब अगर केके पाठक को आगे की छुट्टी चाहिए तो उन्हें आवेदन करना होगा. लेकिन, अब तक मिली जानकारी के मुताबिक उन्होंने छुट्टी बढ़ाने के लिए कोई आवेदन नहीं दिया है. ऐसे में वह 17 जनवरी को शिक्षा विभाग में अपने काम पर लौट सकते हैं.
सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी केके पाठक के इस्तीफे की खबर
गौरतलब है कि केके पाठ की छुट्टियों के दौरान एक लेटर वायरल हुआ था. इस पत्र में लिखा था कि केके पाठक ने स्वत: अपने पद (अपर मुख्य सचिव) के प्रभार से स्वत: परित्याग कर दिया है. जिसे केके पाठक का इस्तीफा समझ सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया था.
पाठक ने अपने प्रभार प्रतिवेदन में स्पष्ट किया था कि सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 9 जनवरी को जारी अधिसूचना के आलोक में उन्होंने अपने पद के प्रभार का परित्याग किया था. जिसके तहत शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक का प्रभार उनके जूनियर अधिकारी शिक्षा सचिव वैद्यनाथ यादव को सौंपा गया था. यादव को यह प्रभार आठ जनवरी से 16 जनवरी की अवकाश अवधि के लिए दिया गया था.
अर्जित अवकाश पर ऐसा आवेदन देकर जाते हैं अधिकारी
केके पाठक के इस्तीफे की खबर वायरल होने के बाद मुख्य सचिव आमीर सुबहानी ने बताया था कि केके पाठक अर्जित अवकाश पर गये हैं. अर्जित अवकाश में जो अधिकारी जाते हैं, इस तरह के आवेदन देकर जाते हैं. जब वह लौट कर आयेंगे, तो शिक्षा विभाग में योगदान करेंगे. जानकारों का कहना है कि अधिकारियों के छूटी में जाने पर उनका कार्यभार अपने जूनियर अधिकारी को देना एक सामान्य प्रक्रिया है.
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जून 2023 में शिक्षा विभाग के एसीएस बने थे केके पाठक
1990 बैच के आइएएस अधिकारी केके पाठक अपने सख्त आदेशों और तेज तर्रार रवैया के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने पिछले साल सात जून को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के पद का चार्ज लिया था. इसके बाद से ही केके पाठक चर्चाओं में बने हुए हैं. उन्होंने राज्य की शैक्षणिक व्यवस्था में कई बदलाव किए. उन्होंने स्कूल में बच्चों और शिक्षकों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए कड़े कदम उठाए. अनुशासन को लेकर भी कई कड़े फैसले लिए. इस दौरान कई बार उन्हें विरोध भी झेलना पड़ा.
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इस्तीफे के लिए चर्चा में रहा था यह कारण
पिछले दिनों अपर मुख्य सचिव के रूप में केके पाठक ने कॉलेज और विवि शिक्षकों के लिए प्रतिदिन पांच घंटे कॉलेज में रहने की अनिवार्यता संबंधी आदेश जारी किया था. इसके साथ ही स्कूली शिक्षकों को शाम पांच बजे तक स्कूल में बने रहने संबंधी आदेश दिये थे. शिक्षक संघों ने पाठक के इस आदेश का विरोध किया था.
इसके कारण शिक्षा विभाग ने कुछ शिक्षक विधान पार्षदों के पेंशन पर रोक लगा दी थी. विभाग के इस फैसले के विरोध में शिक्षक संघ जिसमें सभी जदयू के भी विधान पार्षद शामिल थे, मुख्यमंत्री और राज्यपाल से शिकायत की और हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया. राजभवन ने मुख्य सचिव को पत्र लिख कर इस तरह के आदेश को वापस लेने का अपील की.
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