लखीसराय. तुलसी विवाह के शुभ अवसर पर विभिन्न मंदिरों में जाकर श्रद्धालुओं ने मंदिर के आंगन में लगायी तुलसी की पूजा की. इस दिन महिलाओं ने व्रत रखा और अपने परिवार की सुख समृद्धि के लिए विशेष पूजा की. वहीं पुरानी बाजार वार्ड नम्बर 14 महावीर स्थान में तुलसी विवाह आयोजित की गयी. सुबह से ही महिलाएं तुलसी पूजा के लिए तैयारियों में जुटी हुई थीं. महिलाओं ने तुलसी को रंग बिरंगे रंगों से सजाने के साथ उस पर चित्रकारी की. तुलसी पर लाल चुनरी, कलीरा, गन्ना व ज्योत जला कर घर की सुख शांति की कामना की. महिलाओं ने तुलसी पर शृंगार सामग्री भी चढ़ायी. इसके बाद तुलसी विवाह की कथा भी सुनायी गयी. मंदिरों व घरों में तुलसी को दुल्हन की तरह सजाया गया था. शाम को तुलसी आरती व पूजन किया गया. महिलाओं ने निराहार रह कर तुलसी का व्रत रखा. वहीं पुरानी बाजार महावीर स्थान के पुजारी कैलास पांडेय ने बताया कि आज के दिन भगवान विष्णु रूपी शालिग्राम का विवाह तुलसी माता के साथ करवाया जाता है. मान्यता है कि भगवान ने देवताओं की जीत के लिए राक्षस कुल की एक पतिव्रता स्त्री और उनकी भक्त वृंदा की पूजा को भंग किया था. इससे वृंदा के पति जालंधर का विनाश हो सका. इससे नाराज वृंदा ने भगवान विष्णु को शिला बनने का श्राप देकर खुद आत्मदाह कर लिया था, वृंदा की राख से तुलसी पैदा हुई, और भगवान ने श्राप से मुक्त होने के लिए तुलसी से विवाह किया. तभी से देव उठनी एकादशी व्रत प्रारंभ हुआ, और घरों व मंदिरों में तुलसी विवाह का आयोजन किया जाने लगा.
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