पटना. राजनीति में न कोई दोस्त होता है और न कोई दुश्मन और जब बात बिहार की हो तो ये बात और पुख्ता हो जाती है. 2022 में जब ललन सिंह ने नीतीश कुमार को बीजेपी से अलग कर राजद के साथ जाने को राजी किया था तो भाजपा के लिए ललन बाबू खलनायक हो गये थे. नीतीश कुमार ने एक बार फिर एनडीए में आकर सरकार गठित कर ली तो ललन सिंह को लेकर भाजपा के सारे पुराने शिकवे दूर गये हैं. जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह शुक्रवार को बकायदा समय लेकर प्रधानमंत्री से मिलने पहुंचे. हालांकि दोनों के बीच मुलाकात काफी संक्षिप्त रही, लेकिन सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई.
भाजपा को दिया संसद में समर्थन का भरोसा
प्रधानमंत्री से ललन सिंह की ये मुलाकात संसद में हुई. संसद का सत्र चल रहा है और ललन सिंह ने प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा था. नरेंद्र मोदी ने उन्हें अपने संसदीय चेंबर में मिलने के लिए बुलाया था. बड़ा गुलदस्ता लेकर ललन सिंह प्रधानमंत्री से मिलने पहुंचे. ललन सिंह लोकसभा में जेडीयू के संसदीय दल के नेता हैं. जेडीयू के एक सांसद ने बताया कि प्रधानमंत्री की पहले से व्यस्तता थी. इसलिए काफी कम समय के लिए दोनों के बीच बातचीत हुई. वैसे ललन सिंह ने प्रधानमंत्री को आश्वस्त किया कि सदन के अंदर जेडीयू के सांसद आक्रामकता के साथ बीजेपी का सपोर्ट करेंगे.
आरसीपी के मंत्री बनने के बाद बिगड़े थे रिश्ते
कुछ दिनों पहले तक ललन सिंह बीजेपी के सबसे कट्टर दुश्मन हुआ करते थे. ये सिलसिला तब से शुरू हुआ था, जब बीजेपी ने उन्हें केंद्र सरकार में मंत्री बनाने के बदले नीतीश कुमार के कभी खास रहे आरसीपी सिंह को मंत्री बना दिया था. 2021 में मोदी कैबिनेट के विस्तार के बाद ही ललन सिंह बीजेपी के सख्त खिलाफ हो गये थे. इसी फेरे में आरसीपी सिंह को जेडीयू से बाहर जाना पड़ा था.
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राहुल पर दिया था तीखा बयान
कुछ दिनों पहले नीतीश कुमार जब बीजेपी के साथ सरकार बनाने पर विचार कर रहे थे तो ललन सिंह ने चुप्पी साध रखी थी. वे मीडिया में कोई बयान नहीं दे रहे थे. हालांकि संसद सत्र शुरू होने से एक दिन पहले ललन सिंह ने राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला था और कहा था कि वे पप्पू हैं औऱ पप्पू ही रह जायेंगे. आज ललन सिंह ने एक कदम और बढाया और प्रधानमंत्री से मिलने पहुंच गये.