पटना. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं हैं. नीतीश कुमार सभी विपक्षी पार्टियों को एक मंच पर लाने का प्रयास करेंगे. पार्टी का स्टैंड साफ है. सभी विपक्षी पार्टियां बैठ कर तय करेंगी कि 2024 के चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ कौन चेहरा होगा. ललन सिंह ने कहा कि फिलहाल भाजपा के विरोध में सभी पार्टियों को एकजुट करना लक्ष्य है. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि जदयू राष्ट्रीय परिषद की बैठक में पार्टी सदस्यों की राय सुनी जायेगी, परामर्श होगा. उसके निष्कर्ष पर अमल होगा. ललन सिंह ने यह बातें गुरुवार को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में संवाददाताओं से बातचीत में कहीं.
ललन सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार ने 2014 में जो वादा किया, उनमें से एक भी वादा पूरा नहीं किया. बाद में एक इंटरव्यू में हमलोगों ने देखा कि केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि चुनाव में बहुत तरह के जुमले कहे जाते हैं. नीतीश कुमार बिहार में 17 वर्षों से शासन चला रहे हैं, जो वादा किया उस एक-एक वादे को पूरा किया. 2015 के चुनाव में उन्होंने बिहार की जनता को कहा कि सात निश्चय लागू करेंगे, तो उसे लागू किया, सभी सात निश्चय लागू हैं. सभी सात निश्चय का काम लगभग पूर्ण हो चुका है. इसलिए जुमला नहीं, हकीकत चाहिए. इससे संबंधित पोस्टर भी जदयू कार्यालय में लग रहे हैं.
वहीं, ललन सिंह ने ट्वीट कर भाजपा नेताओं पर निशाना साधा है. उन्होंने लिखा है कि सीएम नीतीश कुमार को चुनौती देने से पहले अपने गिरेबान में झांक लें. उत्तर प्रदेश सरकार के कारनामों को देख लें. यूपी के मंत्री राकेश सचान को कितने साल की सजा हुई है? सजायाफ्ता होने के बाद भी मंत्री बने हैं कि नहीं? मंत्री जी अदालत से सजा की कॉपी लेकर भाग गये. कुछ बोलने से पहले थोड़ी तो शर्मिंदगी का अहसास कीजिए.
नीतीश कुमार को ज्ञान देने की जरूरत नहीं है. ललन सिंह ने लिखा है कि एक कहावत है ‘चलनी दूसे सूप को जिसमें खुद बहत्तर छेद’… नैतिकता का पाठ पढ़ाने से पहले अपनी नैतिकता का भी आकलन कर लें. अगले ट्वीट में ललन सिंह ने लिखा है कि लखीमपुर खीरी का जवाब भी जनता आपसे जानना चाहती है. जरा मुंह तो खोलिए, कुछ तो बोलिए.