पटना: बिहार में नई सरकार के गठन के बाद बीजेपी-जदयू और राजद के बीच वार-रार जारी है. एक बखेड़े का मामला थमता भी नहीं है तब तक नए विवाद उत्पन्न हो रहे हैं. ताजा मामला JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह से जुड़ा हुआ है. दरअसल, मुंगेर के सांसद ललन सिंह लखीसराय के दौरे पर थे. इस दौरान पत्रकारों से मुखातिब होते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ बोलने वाले पर करारा हमला किया है. नीतीश कुमार ने शुभ सोच के साथ बिहार में शराबबंदी लागू की थी. ऐसे में जिन लोगों को दारू पीने को नहीं मिल रहा है. वो अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे हैं.
जदयू नेता सह मुंगेर सांसद ललन सिंह के इस बायन पर बीजेपी ने पलटवार किया. बीजेपी ने कहा कि अपनी नाकामी को छुपाने के लिए ललन सिंह अनाप-शनाप बायनबाजी कर रहे हैं. बीजेपी ने ललन सिंह पर गंभीर आरोप भी लगाया. बीजेपी ने ललन सिंह को अपने इस बयान के लिए माफी मांगने की नसीहत दी है. बीजेपी ने शराब सेवन को लेकर कहा कि ललन सिंह सहित मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों का ब्लड टेस्ट हो. जिसके बाद मामला दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.
बता दें कि बिहार में शराबबंदी 2016 से ही लागू है. मगर दारू की खपत और शराब पीकर कानून तोड़ने वालों की तादाद पर नजर डालें, तो कुछ और ही कहानी सामने आती है. पुलिस के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में बिहार में शराबबंदी कानून का कथित उल्लंघन करने के आरोप में करीब 60 हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. यानी हर दिन 300 से अधिक लोग शराब की वजह से गिरफ्तार किए गए. इस अवधि में 16 लाख लीटर से अधिक देशी और विदेशी शराब जब्त की गई. यानी छह महीने में प्रति दिन 9000 लीटर से अधिक शराब बिहार में बरामद की गई.
हाल ही में जारी हुई नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे -5 के मुताबिक़ क़ानूनी तौर पर ड्राइ स्टेट बिहार में महाराष्ट्र की तुलना में शराब का उपभोग ज़्यादा हो रहा है. शहरी क्षेत्रों में पुरुषों के बीच 15 साल से ऊपर के आयु वर्ग के 14 फ़ीसद लोग शराब का सेवन करते हैं. ग्रामीण इलाक़ों में ये 15.8 फ़ीसदी है. वहीं महिलाओं में शहरी क्षेत्रों में ये आंकड़ा 0.5 फ़ीसद और ग्रामीण इलाकों में 0.4 प्रतिशत का है.