बिहार में इन दिनों उपचुनाव को लेकर सियासत अपने चरम पर है. तेजस्वी के बाद अब खुद लालू यादव चुनावी मैदान में उतर गए हैं. इसी कड़ी में सोमवार को गया के बेलागंज सीट से राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार विश्वनाथ यादव के समर्थन में प्रचार करने गए पूर्व मुख्यमंत्री ने बीजेपी खासकर पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि इस चुनाव में नरेंद्र मोदी को सात समुंदर पार फेंक देना है. हमारा कोई भी बाल बांका नहीं कर सकता है. बहुत को मुख्यमंत्री-प्रधानमंत्री बनते देखा है. इसलिए आपसे अपील करते हैं, कि लालटेन पर बटन दबाकर बीजेपी को उखाड़ कर फेंक दें.
हमारा कोई भी बाल बांका नहीं कर सकता- लालू यादव
जनसभा को संबोधित करते हुए लालू यादव ने पीएम मोदी के बाद सीएम नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि हम लोगों की ताकत को कोई भी माई का लाल नहीं तोड़ सकता है. हमने बहुत लोगों को देखा है. बहुत लोगों को पीएम और सीएम बनते देखा है. लालटेन पर बटन दबाकर भाजपा को उखाड़ फेंकना है. हमने अपनी बीमारी का परवाह नहीं किया. आज आप लोगों से मिलने चले आएं. अब समय आ गया है बिहार से जदयू और भाजपा को उखाड़ फेंकना है. सभी लोग एकजुट रहिए और नौजवान उम्मीदवार को जिताइए, ताकि हम लोगों की ताकत बनी रहे.
जन सुराज की एंट्री ने बना दिया रोचक मुकाबला
उपचुनाव में सांसद सह पूर्व मंत्री डॉ सुरेंद्र प्रसाद यादव के पुत्र विश्वनाथ कुमार सिंह उर्फ विश्वनाथ यादव इंडिया गठबंधन समर्थित राजद की टिकट पर, एनडीए समर्थित जदयू की टिकट पर पूर्व विधान पार्षद मनोरमा देवी व जन सुराज से मो अमजद मुख्य रूप से चुनाव मैदान में हैं. इनके अलावा भी कई और उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाने उतरे हैं. जनता ने चुप्पी नहीं तोड़ी है, पर मनोरमा देवी व विश्वनाथ यादव के बीच मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार मो अमजद भी जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं.
32 साल से राजद का गढ़ बना हुआ है बेलागंज
बेलागंज विधानसभा क्षेत्र से अगर 1998 के उपचुनाव को छोड़ दें, तो 1990 से लगातार डॉ सुरेंद्र प्रसाद यादव राजद की टिकट पर चुनाव जीतते आये हैं. 1998 में भी उनके जहानाबाद सांसद चुने जाने के बाद उपचुनाव हुआ था, जिसमें जनता दल से ही महेश सिंह यादव चुनाव जीते थे. इसके बाद फिर वर्ष 2000 में हुए विधानसभा चुनाव में सुरेंद्र प्रसाद ने जीत दर्ज की. इस बार भी सुरेंद्र यादव के जहानाबाद सांसद निर्वाचित होने के बाद इस खाली सीट पर उपचुनाव हो रहा है, जहां 13 नवंबर को मतदान होगा. सोमवार को यहां चुनाव प्रचार का शोर थम जायेगा. वर्ष 1998 के चुनाव को छोड़ दें, तो अब तक इस विधानसभा सीट से राजद के ही उम्मीदवार चुनाव जीतते आये हैं.