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तेजस्वी यादव के साथ अचानक मुख्यमंत्री आवास पहुंच गए लालू यादव, बंद कमरे में सीएम नीतीश कुमार से हुई खास बात

रथ पर सवार होकर एक अण्णे मार्ग पहुंचे लालू यादव और तेजस्वी यादव ने बंद कमरे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बातचीत की. तीनों नेताओं के बीच लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग के मुद्दे पर बातचीत के अलावा बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के साथ-साथ प्रदेश के ताजा राजनीतिक हालात पर भी चर्चा हुई है.

पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके एक अणे मार्ग स्थित आवास पर शुक्रवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने मुलाकात की है. करीब 20 मिनट तक चली मुलाकात में इन नेताओं के बीच ताजा राजनीतिक हालात को लेकर चर्चा हुई. रथ पर सवार होकर एक अण्णे मार्ग पहुंचे लालू यादव और तेजस्वी यादव ने बंद कमरे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बातचीत की. तीनों नेताओं के बीच लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग के मुद्दे पर बातचीत के अलावा बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के साथ-साथ प्रदेश के ताजा राजनीतिक हालात पर भी चर्चा हुई है.

कई मुद्दों पर हुई बात

शुक्रवार को एक बार फिर लालू प्रसाद अपने रथ पर सवार होकर सीएम आवास पहुंचे. उनके साथ डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी मौजूद थे. दोनों ने सीएम आवास पहुंचकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की. करीब आधे घंटे तक सीएम आवास में रूकने के बाद लालू यादव और तेजस्वी यादव वापस राबड़ी आवास के लिए रवाना हो गए. सियासी गलियारे में इस बात की चर्चा तेज है कि एनडीए के खिलाफ बने I.N.D.I.A में लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला फिट नहीं बैठ रहा है. यही वजह है कि लालू यादव और नीतीश कुमार की बार-बार मुलाकात हो रही है.

नीतीश कुमार के बयान के बाद तेज हुई सियासत

जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव का समय नजदीक आ रहा है बिहार में सियासी सरगर्मी तेज होती जा रही है. गुरुवार को ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मिलर हाइस्कूल मैदान में भाकपा के एक समारोह में इंडिया गठबंधन को लेकर कांग्रेस के रवैये पर नाराजगी जतायी थी. साथ ही कहा था कि कांग्रेस पांच राज्यों में चुनाव में व्यस्त है. इसके बाद इंडिया गठबंधन की बैठक हो सकती है. मुख्यमंत्री ने कहा था कि कांग्रेस को विपक्षी एकता से कोई मतलब नहीं रह गया है. कांग्रेस की वजह से गठबंधन को लेकर कोई काम नहीं हो रहा है, वह देश के पांच राज्यों में होने वाले चुनाव में व्यस्त है. हमलोग कांग्रेस पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे थे, लेकिन उनको चिंता नहीं है. अब आगे की बातें चुनाव के बाद ही बैठकर हम लोग तय करेंगे.

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कर्नाटक चुनाव के बाद कांग्रेस की रणनीति में बदलाव हो गया है

इधर, जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने शुक्रवार को एक निजी टेलीविजन चैनल से बातचीत में कहा है कि कर्नाटक चुनाव के बाद कांग्रेस की रणनीति में बदलाव हो गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन के जनक हैं. अब से एक साल पहले हिसार में एक जनसभा में घोषणा की थी कि कांग्रेस पार्टी को साथ लिये बगैर कोई निर्णायक गठबंधन नहीं बन सकता. पटना में मुख्यमंत्री ने सफलता प्राप्त की. इस बैठक में कांग्रेस पार्टी के नेताओं के बगल में अरविंद केजरीवाल, दायीं तरफ ममता बनर्जी और बायीं तरफ अखिलेश यादव बैठे थे. तीसरे मोर्चे की संभावनाएं समाप्त हो गयी थीं. मुंबई के बाद लग रहा था कि गतिविधियां तेज होंगी. अफसोस है कि कर्नाटक चुनाव के बाद कांग्रेस की रणनीति और कार्यनीति में कुछ ठहराव आया. पिछले कई महीनों से को-ऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक भी नहीं हुई.

राजद ने कहा कि चिंता और दुख दो अलग शब्द

राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि चिंता और दुख दो अलग शब्द हैं. चिंता को दुख मत बनाइये. चिंता सबकी यह है कि जो विकल्प हम देश के सामने रखना चाहते हैं, उसमें देर नहीं हो. मुख्यमंत्री का नाम लिये बिना मनोज झा ने कहा कि उन्होंने दोनों चीजें कहीं. कांग्रेस पांच राज्यों में चुनाव में व्यस्त है. उनकी चिंता इंडिया गठबंधन को लेकर उसे बेहतर करने को लेकर है. उनकी चिंता को दुख में तब्दील नहीं किया जाये.

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