बक्सर में एक पिता को पुत्र की ऐसी चाहत हुई की वो हैवानियत पर उतर आया. उसने एक तांत्रिक के बहकावे में आकर अपनी ही दो बेटियों से सामूहिक दुष्कर्म किया. इस साजिश में बच्चियों की मां और मौसी भी शामिल थी. इस मामले में न्यायालय ने सभी आरोपियों को कठोर सजा सुनाई है. पिछले दिनों सभी अभियुक्तों को दोषी करार दिया गया था. घटना को जिले के राजपुर में हुई थी. पीड़ित बच्चियों ने इस मामले की शिकायत वर्ष 2022 में दर्ज कराई थी. उस वक्त जब यह मामला लोगों के सामने आया, तो हर कोई स्तब्ध रह गया था.
आरोपियों को मिली सजा…
मामले में फैसला सुनाते हुए पॉक्सो की विशेष अदालत ने अपनी ही बेटियों के साथ दुष्कर्म करने के आरोपित पिता, तांत्रिक को उम्र कैद की सजा सुनायी. वहीं न्यायालय ने सहयोगी अभियुक्त को सात वर्षों के कारावास की सजा सुनायी. विशेष अदालत ने इस मामले में मां और मौसी को 20–20 वर्षों के कारावास की सजा दी है. इसके साथ ही पिता और तांत्रिक पर न्यायालय ने 25–25 हजार, मां और मौसी पर 10 –10 हजार व जयलाल पर 15 हजार रुपये का अर्थ दंड भी लगाया है.
आठ-नौ साल की उम्र से ही पिता तांत्रिक संग मिलकर कर रहा था शोषण
कठोर हृदय वाले व्यक्ति का भी रुह कंपा देने वाली इस घटना में पीड़ितो ने पुलिस को बताया था कि जब एक बहन 6–7 वर्ष की थी तथा दूसरी 8–9 वर्ष की थी. तब से ही उनके साथ दुष्कर्म किया जाने लगा था. उनके पिता को कोई पुत्र नहीं था. इसके लिए उन्होंने तांत्रिक को बुलाया. जिसने बताया कि बच्चियों के साथ शारीरिक संबंध बनाने पर ही उसे पुत्र की प्राप्ति होगी. शुरू में जब वे छोटी थी तब उन्हें नशे की दवा खिलाकर उनके साथ पिता व तांत्रिक द्वारा दुष्कर्म किया जाता था. दुष्कर्म का यह सिलसिला वर्षों तक लगातार चलता रहा. जब वे इसका विरोध करती थी. तो उनके साथ मारपीट की जाती थी. तथा जान से मारने की धमकी दी जाती थी. जिसे डर कर वे लोग खामोश हो जाया करती थीं.
स्पीडी ट्रायल के तहत सुनवाई कर सुनाई गई सजा
बहुत दिनों तक प्रताड़ना का शिकार होने के बाद बच्चियां जब थोड़ी बड़ी हुईं, तो उन्हें इन चीजों का मतलब समझ आने लगा. तो दोनों ही बच्चियां किसी तरह जिला मुख्यालय पहुंचीं और एक व्यक्ति के जरिए पुलिस से मिलीं. इसके बाद पीड़ित बहनों ने 28 मई 2022 को इस मामले की प्राथमिकी महिला थाना कांड संख्या 33 /2022 के माध्यम से दर्ज करायी थी. इस केस को पॉक्सो कांड संख्या 50 /2022 भी दर्ज कराया गया था. यह घटना न सिर्फ मानवता को शर्मसार करने वाली बल्कि मासूमियत को वर्षो वर्षों तक शोषण करने वाली थी. जिसे लेकर मामला दर्ज कराया गया था. जिसके बाद स्पीडी ट्रायल के तहत मामले की सुनवाई कर कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुना दिया है.
फैसला सुनने से पहले न्यायालय में गिड़गिड़ाने लगी मां
रूह कंपा देने वाली इस घटना का फैसला मंगलवार को सुनाया गया. जिसे लेकर न्यायालय में गहमा गहमी बनी हुई थी. कई लोग कोर्ट के बरामदे में अभियुक्तों का इंतजार करते दिखे. लेकिन अचानक शुरू हुई मूसलाधार बारिश के चलते हाजत से अभियुक्तों को न्यायालय लाने में काफी देर तक इंतजार करना पड़ा. लगभग चार बजे सभी अभियुक्त पुलिस सुरक्षा में न्यायालय पहुंचे. इसके पूर्व कि फैसला सुनाया जाता. कोर्ट रूम में खड़ी अभियुक्त की मां न्यायाधीश के समक्ष फूट-फूट कर रोने लगी तथा अपने छोटे बच्चों की परवरिश की गुहार लगाने लगी .
अर्थ दंड नहीं देने पर जेल में बिताने होंगे अतिरिक्त चार महीने
फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश ने पिता और तांत्रिक को जीवन के अंत तक कारावास की सजा सुनायी. इसके साथ ही मां और मौसी को भी 20 वर्षों की कैद की सजा सुनाई गई. साथ ही अर्थ दंड का फैसला भी सुनाया गया. आपराधिक षडयंत्र रचने में शामिल अभियुक्त को सात वर्षों के कारावास के साथ 15 हजार रुपए के अर्थ दंड की सजा सुनायी गयी. जिसे नहीं देने पर अभियुक्त को अतिरिक्त चार माह जेल में बिताने होंगे. सुनवाई में सरकार की ओर से विशेष लोक अभियोजक सुरेश कुमार सिंह ने बहस में हिस्सा लिया था.