17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Agriculture News : बिहार में बढ़ाया जा रहा है लीची उत्पादन का रकबा, ढुलाई की व्यवस्था करेगी सरकार

बिहार की 80 फीसदी लीची शाही है. बिहार की तरह लीची के लिए अनुकूल मिट्टी नहीं होने के बावजूद अन्य राज्यों में इसका उत्पादन अधिक हो रहा है.

पटना. 24 घंटे के अंदर लीची को लक्षित जगह तक नहीं पहुंचाने पर इसकी कीमत कम हो जाती है. इससे किसानों और कारोबारियों को नुकसान उठाना पड़ता है. इसे देखते हुए सरकार लीची ढुलाई की व्यवस्था करने का प्रयास कर रही है. कृषि रोडमैप-चार में यह अभी विचाराधीन है.

36 हजार हेक्टेयर में लीची की खेती की जा रही

मंगलवार को कृषि निदेशक आदित्य प्रकाश ने देहात व कोकाकोला की ओर से राजधानी के एक होटल में आयोजित उन्नति लीची किसान सम्मान समारोह में कहा कि वर्तमान में 36 हजार हेक्टेयर में लीची की खेती की जा रही है. अब लीची के उत्पादन क्षेत्र को बढ़ाया जा रहा है. इसके वेस्ट का मैनेजमेंट करने की भी योजना लायी जा रही है. इस दौरान लीची उत्पादन में आयी गिरावट पर अधिकारियों व किसानों ने चिंता जाहिर की.

बिहार में 90 फीसदी लीची शाही

एनआरसी के डायरेक्टर विकास दास ने कहा कि बिहार की 80 फीसदी लीची शाही है. बिहार की तरह लीची के लिए अनुकूल मिट्टी नहीं होने के बावजूद अन्य राज्यों में इसका उत्पादन अधिक हो रहा है. उद्यान विभाग के संयुक्त निदेशक राधारमण ने भी किसानों की चिंता और उसके समाधान पर बात की.

Also Read: Agriculture News: मुजफ्फरपुर की शाही लीची का स्वाद चखेंगे दुबई, कतर व अमेरिका के लोग, किसान ऐसे होंगे मालामाल

मौजूदा बागों को पुनर्जीवित करने का कार्य किया जा रहा

देहात के निदेशक आदर्श श्रीवास्तव ने लीची की ढुलाई की व्यवस्था की मांग की. कोका कोला के सीएसआर डायरेक्टर राजेश अयापिला ने कहा कि परियोजना के माध्यम से मौजूदा बागों को पुनर्जीवित करने और कायाकल्प का कार्य किया जा रहा है. कार्यक्रम के दौरान वैशाली के लीची किसान विपिन पांडे, हरिनाथ सिंह और मुजफ्फरपुर के भटौलिया के अविनाश सिंह ने अपना अनुभव साझा किये. उन्नति किसानों को कृषि निदेशक की ओर से सम्मानित किया गया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें