सुमित कुमार, पटना.
Lok Sabha Election : पिछले दो चरणों में बिहार के आठ लोकसभा क्षेत्रों से खड़े प्रमुख उम्मीदवारों ने चुनाव प्रचार पर औसतन 50 लाख रुपये खर्च किये. उम्मीदवारों द्वारा चुनाव आयोग को दिये गये खर्च के ब्योरे के मुताबिक पूर्णिया के उम्मीदवारों ने जहां दिल खोल कर खर्च किया, वहीं किशनगंज के उम्मीदवारों ने हाथ बांधे रखा.
टॉप 21 उम्मीदवारों में पूर्णिया के निर्दलीय उम्मीदवार राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव 69.12 लाख रुपये खर्च कर सबसे अव्वल रहे. इसी लोकसभा क्षेत्र के जदयू उम्मीदवार संतोष कुशवाहा ने 56.23 लाख रुपये, जबकि राजद की बीमा भारती ने 50.08 लाख रुपये खर्च किये.
50 लाख रुपये खर्च करने वालों की सूची में बांका के जदयू उम्मीदवार गिरधारी यादव, नवादा और गया से राजद उम्मीदवार क्रमश: श्रवण कुशवाहा और कुमार सर्वजीत तथा औरंगाबाद से भाजपा उम्मीदवार सुशील सिंह शामिल हैं. किशनगंज के तीनों प्रमुख उम्मीदवारों में कांग्रेस के मो जावेद ने 22.76 लाख, जदयू के मुजाहिद आलम ने 15.34 लाख और एआइएमआइएम के अख्तरुल इमान ने मात्र 11.42 लाख रुपये का खर्च दिखाया है.
वाहन, इंधन और चालक पर आधी से अधिक राशि खर्च
नामांकन से लेकर मतदान के पहले तक किये गये व्यय ब्योरे के मुताबिक उम्मीदवारों ने अपनी आधी से अधिक राशि वाहन, इंधन और उसके चालकों पर खर्च की है. उम्मीदवारों ने आयोग की अनुमति लेकर एक दिन में 50 से 90 लग्जरी वाहन तक चलवाये. प्रति दिन प्रति वाहन चार से पांच हजार रुपये तक खर्च आया. शेष राशि नामांकन सभा, नुक्कड़ सभाओं, चुनावी कार्यालयों और प्रचार सामग्रियों पर खर्च की गयी.
अलग-अलग उम्मीदवारों ने प्रति नुक्कड़ सभा 5000 रुपये तक जबकि प्रति जनसभा 20 से 90 हजार रुपये तक खर्च दिखाया है. वहीं, चुनावी कार्यालयों के लिए प्रति कार्यालय किराया, कुर्सी, बैनर, झंडा आदि के एवज में जगह के हिसाब से पांच हजार रुपये से लेकर 17 हजार रुपये तक का खर्च बताया गया है.
व्यय प्रेक्षकों ने खर्च को ” शैडो रजिस्टर ” से कराया क्रॉस वेरिफाइ
उम्मीदवारों के चुनावी खर्च को लेकर हर जिले में व्यय लेखा कोषांग बनाये गये हैं. केंद्रीय निवार्चन आयोग ने इसकी निगरानी को लेकर अलग से व्यय प्रेक्षकों की तैनाती की है. मतदान से पहले तीन बार उम्मीदवारों के व्यय लेखा रजिस्टर की जांच की गयी. रिटर्निंग अफसरों के बाद जिला निर्वाचन पदाधिकारी और व्यय प्रेक्षकों ने ” शैडो रजिस्टर” से भी उम्मीदवारों के खर्च का मिलान किया.
हर उम्मीदवार के खर्च की जानकारी रखने को लेकर जिला प्रशासन ने अलग से टीम बना कर उनको ” शैडो रजिस्टर ” बनाने की जिम्मेदारी सौंपी है. उम्मीदवारों को अंतिम निर्वाचन व्यय का लेखा-जोखा परिणाम घोषित होने के 30 दिन के भीतर जमा कराना अनिवार्य होगा. मालूम हो कि निर्वाचन आयोग ने इस लोकसभा चुनाव में खर्च की अधिकतम सीमा 95 लाख रुपये निर्धारित कर रखी है. 2004 में चुनाव खर्च की सीमा मात्र 30 लाख रुपये थी.
तीसरे चरण की व्यय जांच के बाद उम्मीदवारों द्वारा खर्च की गयी राशि :
नाम | पार्टी | जिला | धनराशि (लाख रुपये) |
---|---|---|---|
कुमार सर्वजीत | राजद | गया | 51.75 |
जीतन राम मांझी | हम | गया | 44.81 |
अभय कुशवाहा | राजद | औरंगाबाद | 39.26 |
सुशील कुमार सिंह | भाजपा | औरंगाबाद | 54.48 |
विवेक कुमार ठाकुर | भाजपा | नवादा | 49.85 |
श्रवण कुशवाहा | राजद | नवादा | 59.68 |
विनोद यादव | निर्दलीय | नवादा | 47.88 |
अर्चना रविदास | राजद | जमुई | 39.85 |
अरुण भारती | लोजपा | जमुई | अस्पष्ट |
मुजाहिद आलम | जदयू | किशनगंज | 15.34 |
मो जावेद | कांग्रेस | किशनगंज | 22.76 |
अख्तरूल इमान | एआइएमआइएम | किशनगंज | 11.42 |
बीमा भारती | राजद | पूर्णिया | 50.08 |
संतोष कुशवाहा | जदयू | पूर्णिया | 56.23 |
पप्पू यादव | निर्दलीय | पूर्णिया | 69.12 |
तारिक अनवर | जदयू | कटिहार | 47.19 |
दुलाल चंद गोस्वामी | जदयू | कटिहार | 21.27 |
अजय मंडल | जदयू | भागलपुर | 49.26 |
अजीत शर्मा | कांग्रेस | भागलपुर | 36.99 |
जयप्रकाश नारायण यादव | राजद | बांका | 33.58 |
गिरधारी यादव | जदयू | बांका | 52.55 |
Also Read : बिहार में 10 हजार से ज्यादा ANM की नियुक्ति को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, पुराने नियमों पर ही होगी बहाली