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इस्कॉन मंदिर और गौड़ीय मठ की ओर से आज निकाली जायेगी भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा
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मान्यता है कि इस रथ यात्रा के दर्शन मात्र से भक्त के सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं
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जो इस रथ को खींचता है, उसे 100 यज्ञों के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है
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23 वर्ष पहले पटना में जगन्नाथ रथ यात्रा की हुई थी शुरुआत, मुंबई से मंगाया गया था रथ
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05 लाख रुपये में तैयार किया गया था रथ, हाइड्रोलिक सिस्टम पर करता है काम
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40 फुट ऊंचे हाइड्रोलिक सिस्टम से लैस रथ पर सवार होंगे भगवान जगन्नाथ
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25 मीटर लंबी रेशमी रस्सी के सहारे रथ को खीचेंगे राजधानी के भक्त
पटनावासियों को आज भगवान जगन्नाथ के दर्शन होंगे. इस्कॉन मंदिर (बुद्ध मार्ग) और गौड़ीय मठ (मीठापुर) की ओर से जगन्नाथ रथयात्रा की भव्य यात्राएं निकाली जायेंगी. करीब पांच लाख की लागत से तैयार किये गये हाइड्रोलिक सिस्टम से लैस रथ में भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र की प्रतिमाओं को विराजमान किया जायेगा. रथ यात्रा में दो रथ को शामिल किया जायेगा. हाइड्रोलिक सिस्टम से लैस रथ जो की लगभग 40 फुट का होगा, उसपर भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा विराजमान होंगी, जबकि छोटे रथ को प्रसाद वितरण के लिए प्रयोग किया जायेगा. इसके लिए आयोजन समिति व मंदिर समितियों ने सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं. पूजा अर्चना के बाद भगवान का भव्य शृंगार होगा तथा छप्पन भोग अर्पित किया जायेगा.
23 वर्ष पहले जब पटना में भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा की शुरुआत हुई थी, तब मुंबई से रथ को तैयार कर मंगवाया गया था. उस वक्त रथ को तैयार करने में लगभग पांच लाख रुपये से अधिक की लागत आयी थी. यह रथ पूरी तरह हाइड्रोलिक सिस्टम से लैस है. इसकी खासियत यह है कि रथ में बने गुंबद को 50 फुट तक ऊपर या नीचे किया जा सकता है. यह सुरक्षा के लिहाज से भी तैयार किया गया है, ताकि नगर भ्रमण के दौरान किसी तरह की बाधा होने पर रथ में बने गुंबद को ऊपर या नीचे आसानी से किया जा सके. मूलत: इसका प्रयोग रथ यात्रा के दौरान मार्ग में सुरक्षा के मद्देनजर बिजली की तार से बचाने के लिए ऊपर नीचे किया जाता है. इसके लिए रथ में तीन ऑक्सीजन सिलिंडर लगा होता है. इस रथ में लगा पहिया लगभग पांच फुट का है.
पटना में इस्कॉन मंदिर की ओर से वर्ष 2000 में पहली बार भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा की शुरुआत की गयी थी. शुरुआती दौर में श्रद्धालुओं की संख्या सैकड़ों में थी, लेकिन धीरे-धीरे इनकी संख्या हजारों में पहुंच गयी है. पहले केवल यहां स्थानीय श्रद्धालु की रथ यात्रा में भाग लेते थे, पर अब तो इसकी सीमा देश-दुनिया तक पहुंच गयी है. यही कारण है कि भगवान जगन्नाथ रथ को खींचने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ मची रहती है.
इस्कॉन मंदिर की ओर से निकलने वाली रथयात्रा के दौरान पहली बार यूक्रेन, रूस और लंदन से आये दस भक्त अपनी श्रद्धा अपने रॉक बैंक के जरिये प्रदर्शित करेंगे. साथ ही भजन कीर्तन के लिए विशेष कीर्तन मंडली भाग लेंगे. रथ यात्रा से पहले रथ को अलग-अलग प्रजातियों के फूलों से सजाने का काम देर रात तक जारी था.
मंगलवार को भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा इस्कॉन मंदिर (बुद्ध मार्ग) से प्रारंभ होकर तारामंडल, इनकम टैक्स गोलंबर, हाइकोर्ट, बिहार संग्रहालय, पटना वीमेंस कॉलेज, इनकम टैक्स गोलंबर फिर तारा मंडल होते हुए इस्कॉन मंदिर लगभग शाम सात बजे पहुंचकर समाप्त होगा. रथ यात्रा के मार्ग में जगह-जगह तोरण द्वार के साथ महाआरती और पुष्प वर्षा के साथ प्रसाद वितरण भी किया जायेगा.
रथ यात्रा के दौरान भीषण गर्मी को देखते हुए पटना नगर निगम की ओर से स्मोग गन से पानी की वर्षा की जायेगी. साथ ही रथ के आगे सफाई कर्मी तैनात रहेंगे. जबकि सुरक्षा के लिए प्रशासन की ओर से सात मजिस्ट्रेट तैनात रहेंगे. रथ यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल की भी तैनाती रहेगी. रथ यात्रा में राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मंत्री, स्थानीय सांसद और विधायक भी शामिल होंगे.
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रथ यात्रा के दौरान मार्ग में श्रद्धालु विभिन्न स्थानों पर पुष्प वर्षा और आरती करके श्री भगवान का स्वागत करेंगे. पूरे मार्ग में महाआरती का आयोजन किया गया है. रथ का रंग जगन्नाथपुरी के निकलने वाले रथ के जैसा पीले और लाल रंग का होगा.
भगवान जगन्नाथ, भगवान श्रीकृष्ण के ही अभिन्न स्वरूप हैं तथा उनकी यह यात्रा लीला अद्भुत है. यह रथ यात्रा एकता और सुख-शांति के प्रतीक हैं. भगवान की महत्ती कृपा है कि जीवों के कल्याण के लिए दर्शन देने के लिए स्वयं वे हर वर्ष बाहर निकलते हैं. भगवान जगन्नाथ जगत के मालिक हैं. साक्षात स्वयं श्रीकृष्ण हैं, जन सामान्य को दर्शन देकर धर्म की रक्षा करने एवं सनातन धर्म के पुनर्जागरण के दर्शन के लिए स्वयं मंदिर से बाहर निकलते हैं, ताकि लोगों की आध्यात्मिक आस्था और मजबूत हो. यह एक महासंगम है. – कृष्ण कृपा दास, अध्यक्ष, इस्कॉन पटना