मधेपुरा. शहर ऐतिहासिक तो है ही, कला और संस्कृति इसकी मूल विरासत रही है. प्राचीन समय से ही कलाकारों व इतिहासकारों की शहर में दिलचस्पी रही है. एक बार फिर कला के जरिए मधेपुरा शहर को नया लुक दिया जा रहा है. मधेपुरा में शहर के खाली पड़े दीवारों पर नगर परिषद द्वारा थ्रीडी पेंटिंग के माध्यम से संदेश दिया जा रहा है. पेंटिंग के माध्यम से शहर की सूरत और तस्वीर बदली जा रही है. अमूमन लोग घूमते फिरते दीवारों पर गुटका का पीक फेंक देते हैं. ऐसे में शहर को स्मार्ट बनाने की योजना के अंतर्गत सभी दीवारों पर पेंटिंग करायी रही है. ताकि दीवारों को पान और गुटखे की पीक से गंदा नहीं किया जा सके. हर तस्वीर कुछ न कुछ संदेश दे रहा है, जिसे लोग देखते हैं और दीवारों पर गंदा नहीं फेंकते है. राहगीर रूक कर देखते है पेंटिंग पेंटिंग इतनी खूबसूरत बनायी गयी है, जिसे लोग एक बार नहीं बल्कि बार-बार उस रास्ते से गुजरने के बाद रुक कर देखते हैं. मधेपुरा नगर परिषद का यही प्रयास है कि जिला मुख्यालय के सरकारी भवन के साथ दीवारों पर मधुबनी पेंटिंग के माध्यम से लोगों को संदेश दिया जाय. फिलवक्त शहर के समाहरणालय, कोर्ट की दीवार पर भारतीय रेल को दिखाया गया है. इसके अलावा केशव कन्या उच्च विद्यालय, विधि शाखा, अनुमंडल कार्यालय, डायट के दीवार पर पेंटिंग करवाने की योजना है. मधुबनी पेंटिंग को मिलेगा बढ़ावा मिथिला पेंटिंग के लिए बिहार के विभिन्न जिलों से पेंटर्स को बुलवाया गया है. उनकी बनायी कलाकृति देखने में अच्छी लग रही है, जो भी लोग इधर से गुजरते हैं, पेंटिंग्स को देखने के लिए कुछ देर रूक जाते है. इससे व्यवसायिक रूप से भी मिथिला की मधुबनी पेंटिंग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. कहती हैं कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद की कार्यपालक पदाधिकारी तान्या कुमारी बताती है कि पेंटिंग नगर परिषद क्षेत्र की सभी सार्वजनिक जगहों पर मिथिला की पेंटिंग बनवानी है. इसके साथ-साथ साफ-सफाई को लेकर भी दीवारों पर चित्र के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का काम किया जा रहा है. इसके अलावा नारी सशक्तिकरण, नशा मुक्ति, मद्य निषेद के संदेश भी दीवार पर पेंटिंग के माध्यम से प्रदर्शित किये जायेंगे. इससे लोगों में जागरूकता आयेगी.
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