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बाबा दशरथ मांझी के 17वीं पुण्यतिथि मनायी

बाबा दशरथ मांझी के 17वीं पुण्यतिथि मनायी

फोटो – मधेपुरा- 03- समारोह को संबोधित करते, 04उपस्थित लोगों की भीड़. प्रतिनिधि, आलमनगर प्रखंड के पानी टंकी मैदान में पर्वत पुरुष बाबा दशरथ मांझी के 17वीं पुण्यतिथि के अवसर पर भारतीय मुशहर भुइंया परिवार मिलन समारोह का आयोजन किया गया. समारोह का उद्घाटन बीएमबीपी संस्थापक ईश्वर दयाल मुसहर, बीएमबीपी संरक्षक पटना के जुहूलेश मांझी, बीएमबीपी प्रदेश कोषाध्यक्ष शंभू सदा ,प्रदेश अध्यक्ष बनवासी समाज के रामराज वनवासी ,बीएमबीपी उपाध्यक्ष खगड़िया सचिंद्र सदा, महिला प्रकोष्ठ प्रदेश सचिव सोनाली कुमारी ,उत्तर प्रदेश के राणा प्रताप वनवासी,प्रदेश संगठन सचिव बिहार के कर्पूरी ऋषिदेव ,पश्चिम बंगाल से मनोज भुइंया, बीएमबीपी के प्रदेश प्रवक्ता निक्कू उर्फ अरविंद, अरुण ऋषिदेव एवं लक्ष्मण भारती कैमूर बिहार के संजय ऋषिदेव ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया. समारोह आरंभ होने से पूर्व मंच पर उपस्थित अतिथियों के द्वारा दशरथ मांझी एवं डॉ भीमराव अंबेडकर के तेल चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दिये. वहीं मौके पर उपस्थित मुसहर समाज के लोगों को संबोधित करते हुए बीएमबीपी संस्थापक ईश्वर दयाल मुसहर ने कहा कि समाज को शिक्षा से जुड़ने की जरूरत है. उन्होंने उपस्थित मुसहर समाज के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आप एक रोटी कम खाएं एक घंटा मेहनत ज्यादा करें. अपने लेकिन अपने बच्चों को शिक्षित बनाकर समाज को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे. वहीं उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा आरक्षण में क्रीमी लेयर सुझाव दिया गया है. उसका मुसहर भुइंया समाज समर्थन करता है. राजनीतिक रूप से समाज को दबाया जाता रहा है. प्रदेश के महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष अमीषा भारती ने कहा कि राजनीतिक रूप से भुईंया समाज का इस्तेमाल किया जाता है. भुईंया मुसहर का जो बात करेगा. वहीं बिहार पर राज करेगा संबंधित नारा अब समाज के लोगों को देना होगा. पूर्व बैंक मैनेजर पटना के रविंद्र मांझी ने कहा कि मुसहर भुइयां समाज नशा के जंजाल में पड़ा है. यही कारण है कि समाज के लोग शिक्षा से अब भी दूर हैं. खुशी की बात है कि अब समाज एकजुट हुआ है. इससे लोगों की नींद उड़ी हुई है. सरकार अब समाज को नजर अंदाज नहीं कर सकेगी. वहीं पूर्व मुखिया सह पूर्व जिला पार्षद सुबोध ऋषिदेव ने बताया कि बिहार में मुसहर की जनसंख्या 55 लाख है. 77 साल आजादी मिलने के बाद भी इस जाति की स्थिति दयनीय है. इसमें सुधार एवं विकास के लिए सरकार को विशेष पहल कर मुसहर का आरक्षण अलग किया जाय. जिसकी जितनी भागीदारी उसकी उतनी हिस्सेदारी मिलनी चाहिये. जनसंख्या के आधार पर जो हमारा हिस्सा बनता है. वह सरकार को देना होगा. भूमिहीनों को सरकार के द्वारा मिलने वाले पांच डिसमिल जमीन सिर्फ दिखावे के लिए है. यह योजना धरातल पर उतरता नहीं दिख रहा है. आज मुसहर समाज के लोग सड़क किनारे नाहर के पहाड़ पर नदी के किनारे जंगल में झुगी, झोपड़ी बनाकर किसी तरह जीवन यापन कर रहे हैं. अगर समय रहते हुए सरकार हमारी बातों पर ध्यान नहीं दिया तो आने वाले विधानसभा चुनाव में हमलोग सरकार के खिलाफ लोकतांत्रिक लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं. उन्होंने बताया कि संघ के अधिकारियों द्वारा निर्णय लिया गया है कि अपनी मांगों के समर्थन में पूरे प्रदेश के प्रखंड कार्यालय में मुसहर भुइंया समाज के लोग धरना प्रदर्शन करने का काम करेंगे अपनी मांग को लेकर समाज की तरफ से आवाज बुलंद किया जायेगा. सम्मेलन में मुसहर भुईयां समाज को सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक और राजनैतिक रूप से मजबूत करने के लिए कई निर्णय लिये गये. वही इस दौरान गया के आलमनगर नगर पंचायत के उपमुख्य पार्षद रानी देवी, अर्जुन विद्यार्थी, अररिया के सूरज ऋषिदेव, मधेपुरा सिंहेश्वर के संजय ऋषिदेव, सिकंदर ऋषिदेव, पटना के मनोज मांझी, नालंदा से सतीश माझी, पश्चिम बंगाल के कुंती भुइंया सहित कई वक्ताओं ने समाज के उत्थान विकास एवं संगठन को लेकर अपनी अपनी बातें रखें.

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