प्रतिनिधि, मधेपुरा.
सूबे के सीएम नीतीश कुमार द्वारा सभी जिला मुख्यालय में मॉडल बस स्टैंड की सौगात दी गयी थी. इसी कड़ी में मुख्यालय स्थित पश्चिमी बाईपास रोड में मॉडल बस स्टैंड बनाया गया था. लगभग चार करोड़ की लागत से चार साल पूर्व मॉडल बस स्टैंड बन कर तैयार भी हो गया था. जिले के लोग इस बात से खुश थे कि अब यात्रा के दौरान रेलवे की तरह बस स्टैंड पर भी सभी प्रकार की सुविधाओं का लाभ मिलेगा. खासकर पेयजल, शौचालय, कैंटिन, रैंप की सुविधा मिलेगी. लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण बस स्टैंड बस का इंतजार करते रह गयी. नतीजतन यहां पर नशेड़ियों ने अपना कब्जा जमा लिया. जिस जगह से बस चलती वहां नशे को रफ्तार मिलने लगी. मॉडल बस स्टैंड के अंदर बनी नालियां कॉरेक्स की बोतल से जाम हो गयी है. परिसर में मल मूत्र फैली हुई है. इतना ही नहीं चोर नल की टोटी और बेसिन भी उखाड़ ले गया है.सुंदर और व्यवस्थित बस स्टैंड मिलने के बावजूद बस का संचालन पूराने बस पडाव से किया जा रहा है. जहां यात्री सुविधाओं का घोर अभाव है.
– वेटिंग जोन में यात्रियों के लिए लगा स्टील चैयर और पंखा गायब
बस स्टैंड के दक्षिणी भाग में वेटिंग जोन यानि प्रतिक्षालय का निर्माण कराया गया था. प्रतिक्षालय में स्टील चैयर लगाये गये थे. शेड में चार दर्जन से अधिक पंखे लगाये गये थे. यात्री बस स्टैंड में बस का इंतजार कर सकते थे. छत में पंखा व प्रकाश की भी बेहतर व्यवस्था की गई थी. इसके अलावा प्रतिक्षालय में बैठने के अलावा लगेज रखने के लिए भी पर्याप्त जगह का प्रावधान किया गया था. जो अब बसों एवं यात्रियों कि आस देखते-देखते बर्बाद होने के कगार पर पहुंच गई है.
– स्टॉल व मार्केट का हुआ था निर्माण –
बस स्टैंड के अंदर बने वेटिंग एरिया में दो वेंडिंग जोन का निर्माण कराया गया था. वेंडिंग जोन में फास्ट फूड के अलावा टी-स्टॉल व जन उपयोगी चीजों की बिक्री की व्यवस्था थी. इसके अलावा पूरब दिशा में छोटे स्तर का मार्केट कांप्लेक्स का निर्माण हुआ था. जिसमें रोजमर्रे की चीजों की उपलब्धता रहती. लेकिन सबकुछ रखरखाव के अभाव में बरबाद हो गया. अधिकांश चीजे चोरी कर ली गयी है.
– बेसिन, आरओ प्लांट भी था –
यात्रियों को पेयजल की सुविधा मुहैया कराने के लिए परिसर में ही जलमिनार का निर्माण कराया गया था. जलमिनार के अलावा पंप हाउस का निर्माण भी कराया गया है. इसके अलावा प्रतिक्षालय के पीछे पेयजल सहित अन्य कार्य के लिए दस बेसिन का प्रावधान है. जिसका उपयोग यात्रियों के लिये नि:शुल्क करने की व्यवस्था थी. जो अब ढ़ाक के तीन पात साबित हो रही है.
– आठ शौचालय का हुआ था निर्माण –
बस स्टैंड परिसर में आठ शौचालय का निर्माण कराया गया था. जिसमें पांच महिला व तीन पुरूषों के लिए है. इसके अलावा यूरिनल की भी व्यवस्था की गयी थी. मुख्य द्वार का निर्माण भी भव्य रूप से किया गया था. परिसर के चारों तरफ बाउंड्री एवं उसके ऊपर ग्रील का काम भी कराया गया था. जो अब झरने के कगार पर है. साथ ही बस स्टैंड के आसपास रहने वाले लोगों द्वारा परिसर के अंदर कचरा फैलाया जा रहा है.
– दस प्लेटफार्म व रैंप का हुआ था निर्माण –
बस स्टैंड में दस प्लेटफार्म व रैंप का निर्माण कराया गया था. रैंप व प्लेटफार्म की बनावट में भी यात्री हित का ख्याल रखा गया था. शेड के अंदर से बस के दरवाजे तक पहुंचने की व्यवस्था की गयी थी. इस व्यवस्था के तहत यात्री प्लेटफार्म नंबर के जरिए आसानी से अपने बस तक पहुंच सकते थे. रैंप के जरिए दिव्यांग यात्री भी आसानी से बगैर किसी का मदद लिए बस तक पहुंच सकते थे. प्लेटफार्म को यात्रियों के प्रतिक्षालय से जोड़ दिया गया था.
… जो भी बसे पुरानी बस स्टैंड में लगती है, उसके खिलाफ विभागीय कारवाई की जाएगी. अभी कई बस नये स्टैंड से भी खुलती है.
तान्या कुमारी, कार्यपालक पदाधिकारी, नप मधेपुरा.