कचरे का संग्रहण और परिवहन दैनिक आधार पर अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्रों तक निर्बाध संग्रह और परिवहन की योजना बनाना है. अधिक वर्षा की स्थिति में सुविधाओं के प्रबंधन के लिए विशेष योजना बनायी जायेगी. कचरे का परिवहन बंद वाहन में या ढके हुये वाहन से ही किया जाय. सभी सार्वजनिक एवं सामुदायिक शौचालयों की सफाई व रखरखाव की योजना बनाना और सावधानी पूर्वक अभियान चलाना. सभी आंगनबाड़ी केंद्रों, स्कूलों, आवासीय एवं खेल छात्रावासों में सुरक्षित, स्वच्छ और कार्यात्मक शौचालयों की उपलब्धता सुनिश्चित हो तथा सामुदायिक एवं सार्वजनिक शौचालयों में आवश्यक मरम्मत एवं रखरखाव तत्काल किया जाना चाहिये. उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान करने के लिए तेजी से मूल्यांकन डायरिया के प्रकोप, अन्य जल जनित, वेक्टर जनित बीमारियों के लिए व्यवस्थाएं की जानी हैं और उचित कार्रवाई को प्राथमिकता दी जानी है. आईईसी और घर- घर जाने की योजना बनाना. यह आपातकालीन नंबरों के पर्याप्त प्रचार के साथ साथ धोने, कूड़ा न फैलाने, साफ- सफाई आदि के लिए अन्य हितधारकों के सहयोग से किया जाना. पीपीटी प्रोटेक्ट, प्रिवेंट ट्रीट रणनीति प्रारंभिक चरण में सभी संसाधनों को स्वच्छता अभियान को तेज करने और पीपीटी प्रोटेक्ट, प्रिवेंट और ट्रीट रणनीति के सिद्धांतों पर 31 अगस्त तक सभी गतिविधियों को बनाये रखने के लिए प्रेरित करना. डायरिया की रोकथाम के साथ साथ वेक्टर जनित रोग नियंत्रण करने के लिए कार्रवाई करना है. मौके पर लोक स्वच्छता व ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पदाधिकारी सचिन कुमार तिवारी, कार्यपालक सहायक रिशु आनंद, व्यापार मंडल अध्यक्ष शिवचंद्र चौधरी, वार्ड पार्षद रंजीत कुमार सिंह, बिंदेश्वरी राम, प्रदीप राम, मनोज कुमार राणा, गौरव झा, सोनू सिंह, विक्रम कुमार, नवीन कुमार, विक्की कुमार यादव आदि मौजूद थे.
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