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स्नातकोत्तर में बची हुई सीटों पर नामांकन व स्पॉट राउंड में धांधली की शिकायत

स्नातकोत्तर में बची हुई सीटों पर नामांकन व स्पॉट राउंड में धांधली की शिकायत

प्रतिनिधि, मधेपुरा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने बीएनएमयू के कुलपति प्रो विमलेंदु शेखर झा से गुरुवार को मांग पत्र सौंपकर स्नातकोत्तर में स्पॉट राउंड होने के बावजूद बची हुई सीटों पर नामांकन व स्पॉट राउंड में धांधली की शिकायत की है. अभाविप के विभाग संयोजक सौरभ यादव, जिला संयोजक नवनीत सम्राट व नगर मंत्री अंकित आनंद ने मांग पत्र में कहा कि स्नातकोत्तर सत्र-2024-26 प्रथम सेमेस्टर में दो-दो स्पॉट राउंड निकालने के बावजूद कई विषयों में सीट खाली रह गयी है. उन्होंने बताया कि इतिहास विषय में 30 सीट, गणित विषय में आठ सीट, अर्थशास्त्र विषय में 55 सीट, अंग्रेजी विषय में पांच सीट, भूगोल विषय में पांच सीट, हिंदी विषय में एक सीट, पाक विज्ञान विषय में पांच सीट, समाज शास्त्र विषय में 74 सीट, दर्शनशास्त्र विषय में 47 सीट, राजनीति विज्ञान विषय में 22 सीट, मनोविज्ञान विषय में पांच सीट व वाणिज्य विषय में दो सीट रिक्त है. इस प्रकार 5145 सीट में 4538 सीट पर नामांकन हुआ है, बांकि सीटें रिक्त है. इन सीटों पर नामांकन के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन विचार करें. उन्होंने बताया कि पूर्व के स्पॉट राउंड से कई प्रकार की विसंगतियां सामने आ रही है, जिसमें कम अंक पाने वाले छात्र को भी मेघा सूची में डाल दिया गया है और अधिक अंक पाने वाले छात्र मेधा सूची से बाहर हैं, जो यह दर्शाता है कि यूएमआईएस ने मेधा सूची के प्रकाशन में जबरदस्त धांधली की है. कई ऐसे विषय में कम अंक प्राप्त करने वाले छात्रों का अधिक अंक बढ़ाकर मेधा सूची में नामांकन कर दिया गया है. इस प्रकार यह कहना गलत नहीं होगा कि यूएमआईएस द्वारा निष्पक्ष रूप से कार्य नहीं किया जा रहा है, जिसका जांच होना बहुत आवश्यक है. कम अंक वाले छात्रों का अंक बढ़ा कर मेधा सूची में प्रकाशित करने का मामला पूर्व के भी कई वर्षों में आते रहा है. इसकी जांच एक समिति बनाकर की जानी चाहिये. जिन छात्र-छात्राओं का नाम मेधा सूची में आया और वह किसी भी कारणवश नामांकन समय पर नहीं ले सके, वैसे छात्र-छात्राओं को स्पॉट राउंड से वंचित कर दिया गया है, जबकि उन्हें भी स्पॉट राउंड में नामांकन के लिए आवेदन करने का मौका मिलना चाहिये. तीन वर्षीय स्नातक कोर्स में बहुत सारे छात्र-छात्राएं प्रथम खंड व द्वितीय खंड में प्रमोटेड व फेल हैं, जिसके वजह से वह इस बार आयोजित होने वाली तृतीय खंड यानी अंतिम वर्ष के परीक्षाओं में भाग लेने से वंचित रह जायेंगे. त्रिवर्षीय स्नातक कोर्स लगभग बंद होने वाला है. इन सभी छात्र-छात्राओं के भविष्य को देखते हुए पूर्व की भांति विशेष परीक्षा आयोजित की जानी चाहिये, ताकि इन छात्र-छात्राओं को स्नातक तृतीय खंड की परीक्षा देने में किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े. पूर्व में भी कई बार विशेष परीक्षाओं का आयोजन होता आया है. इन सभी छात्रों के भविष्य को देखते हुए एक विशेष परीक्षा आयोजित करनी चाहिये, जिसमें स्नातक प्रथम खंड व द्वितीय खंड के प्रमोटेड व फेल छात्र-छात्राओं को अवसर मिल सके.

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