आलमनगर, मधेपुरा. कोसी नदी में जलस्तर में बेतहाशा वृद्धि होने से प्रखंड क्षेत्र में इस बार बाढ़ विकराल रूप धारण कर लिया है. प्रखंड के पांच पंचायत के सैकड़ों गांव बाढ़ की पानी से घिर गया है. आवागमन हेतु एकमात्र सहारा रह गया है. प्रखंड के रतवारा पंचायत स्थित रतवारा थाना एवं रतवारा पशु अस्पताल चारों ओर से बाढ़ के पानी से घिर गया है. इस वजह से रतवारा थाना एवं पशु अस्पताल का सड़क संपर्क टूट गया है. लोगों को थाना जाने के लिए नाव का सहारा लेना पर रहा है. वही बाढ़ प्रभावित परिवार के लोगों ने अंचलाधिकारी से तत्काल सुखा राशन सहित अन्य सहायता की गुहार लगाया है. बाढ़ पीड़ित कई दिनों से बाढ़ के पानी से चारों ओर से घिरे हुये हैं. घर डूब चुका है या पानी से घिरा हुआ है. खेतों में लगा हुआ फसल बर्बाद हो चुका है ना ही पशुओं के लिए चारा है. पशुपालक अपने पशुओं की जान बचाने हेतु नाव से या साइकिल से पांच से दस किमी दूर से घास लेकर अपने पशुओं की जान बचाने की कोशिश कर रहे हैं. कई समस्याएं बाढ़ पीड़ित परिवारों के समक्ष खड़ी है. आलमनगर प्रखंड के खापुर, रतवारा, गंगापुर, इटहरी, कुंजौड़ी, बड़गांव, आलमनगर नगर पंचायत के दक्षिणी भाग सहित प्रखंड के आधे पंचायतों के एक सौ से अधिक गांव में बाढ़ का पानी आ गया है और लोग कई जगह उंचे स्थानों पर शरण लिये हुए हैं. सरकार की ओर आशा भरी निगाहों से टकटकी लगाये हुये समय बिता रहे हैं. ज्ञात हो कि प्रत्येक वर्ष बाढ़ की चपेट में आने से रतवारा पंचायत के 17 वार्ड इसमें कपसिया, ललिया पुनर्वास, सुखार घाट, अजमेरी पुर वासा, ठाकुरबारी बासा, छतौना बासा, रतवारा, रतवारा पश्चिम छतौना बासा, मुल मुुरौत, भवानीपुर वासा विस्थापित मुरौत, शिव मंदिर से पूरब, विस्थापित महादलित टोला, विस्थापित मुरौत, विस्थापित निषाद टोला, वही खापुर पंचायत के 14 वार्ड में चौढ़ली बासा, रायपुर बासा, खापुर, औराय बासा, दोकठीया, पचभीरा, बथनाहा, भवानीपुर बासा, कोदरा घाट ,अस्सी बीघा, परैल, बघरा, कोदरा घाट, कपसिया बासा, नारायणपुर बासा, सागर बासा, पंडित जी बासा, वही गंगापुर पंचायत के 17 वार्डों में पिपरपाती टोला, पैंकात टोला, नोनिया चक टोला, कोलवारा टोला, भोरकाट टोला, मला बासा, बैजू मड़र बासा, कचहरी टोला, मुसहरी टोला, डाक्टर टोला, भरसों टोला, सोनामुखी, अठगामा, कुम्हारा बासा, लोआ बासा, लूटना, मारवाड़ी बासा, हरजौरा घाट, खरुवा बासा, झंडापुर वासा, बलुआ बासा, पौड़ा टोला, मुनी टोला, श्रवन्नी वासा, नवटोलिया इन तीनों पंचायत के लगभग 60 हजार से अधिक लोगों को प्रत्येक वर्ष बाढ़ की वजह से प्रभावित होना पड़ता है. इसके अलावा इटहरी, बड़गांव, कुंजोरी, बसनवाड़ा, आलमनगर नगर पंचायत के भी कई गांव बाढ़ के जद में आ जाने से इस क्षेत्र के हजारों एकड़ में लगी धान की फसल बर्बाद होने के प्रखंड के आधे आबादी बाढ़ से प्रभावित होता है. इस बार बाढ़ का पानी देर से आने के वजह से सबसे ज्यादा किसानों को धान की फसल बर्बाद होने का डर सता रहा है. किसान अब तक धान में तीन से चार पटवन पंप सेट से कर महंगे खादों का छिड़काव कर किसी तरह धान को बचाये रखा था. परंतु बाढ़ के पानी धान के खेत में आ जाने से प्रखंड क्षेत्र के हजारों एकड़ में लगे धान की फसल बर्बाद हो गया है. पंचायतों मैं बाढ़ के पानी अपना रौद्र रूप दिखा रही है. दर्जनों सड़क पर बाढ़ का पानी बहने सेवक आवास बंद प्रभावित हो गया है. गंगापुर पंचायत के पोरऻ टोला हरजोरा घाट सड़क, बैजू मंडल टोला लूटना ग्रामीण सड़क अटगामा से भवानीपुर वासा सड़कों पर वार्ड का पानी फैलने से आवागमन बाधित हो गया है. प्रखंड क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय मलियाडीह, गंगापुर पंचायत के प्राथमिक विद्यालय कुम्हरऻवासा प्राथमिक विद्यालय पोरा टोला, किशनपुर रतवारा पंचायत के प्राथमिक विद्यालय भवानीपुर वासा में पानी फैल जाने से पठन-पाठन ठप है. वही इस बाबत अंचलाधिकारी दिव्या कुमारी ने बताया कि बाढ़ क्षेत्र में हो रहे परेशानी और अन्य सहायता के लिए वरीय पदाधिकारी अवगत कराया जा रहा है. प्रखंड के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों के लिये उंचे स्थानों का चयन किया गया है. वही लोगों को लगातार मिलकर भी एवं जनप्रतिनिधियों के द्वारा प्रचार-प्रसार क्या जा रहा है कि वह गहरे पानी में नहीं जाय किसी भी परेशानी अगर हो तो तुरंत हमें संपर्क करें. वही प्रखंड क्षेत्र में जहां-जहां नाव की आवश्यकता है. नाव चलाया जा रहा है. साथ ही और नाव जरूरत पड़ने पर चला जायेगा, वहीं प्रशासन हर तरह नजर बनाए हुये है. ————————— बाढ़ का पानी आने से चूल्हा चौका हुआ बंद रोड पर कट रहा है जीवन प्रतिनिधि फुलौत, मधेपुरा. चौसा प्रखंड के करीब छह पंचायत के दो दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी आ जाने से संकट की घड़ी उत्पन्न हो गयी है. ग्रामीणों के घर में पानी आ जाने से चूल्हा चौका बंद हो गया है. ग्रामीण रोड पर खाना बना कर जीवन यापन कर रहे हैं. यहां तक कि ग्रामीण रोड पर अपना स्थायी निवास बना लिया है. वही फुलौत के झंडापुर बासा, पंदेही बासा, घसकपुर बरबिग्घी शलेश स्थान आदि गांव का सड़क संपर्क टूट गया है. एकमात्र आने जाने के लिये नाव का ही सहारा है. वही स्कूल एवं आंगनबाड़ी में पानी आ जाने के कारण पठन पाठन बाधित हो गया है. फिर भी शिक्षक जान हथैली पर रखकर ड्यूटी निभा रहे हैं. जबकि मोरसंडा पंचायत के क्रेलिया, अमनी मुसहरी सपनी आदि के लोग भी एकमात्र नाव से ही आवाजाही करते हैं. जबकि बाढ़ प्रभावित गांव के अधिकतर किसान पशुपालक अपने मवेशियों को लेकर उंचे स्थान पर चले गये है. वहीं लगभग छह पंचायत के किसानों का हजारों एकड़ में लगी धान की फसल बर्बाद हो गई है, जबकि शनिवार को सीओ शशिकांत यादव ने बाढ़ प्रभावित गांव का दौरा कर ग्रामीणों की समस्याओं को सुना एवं राहत देने के लिये वरीय पदाधिकारी को लिखा जायेगा एवं बताया कि पानी का जलस्तर में कमी हो रही है.
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