प्रतिनिधि, गम्हरिया
बिहार प्रदेश जीविका कैडर संघ ने दो सितंबर को जारी संशोधित सामुदायिक कैडर मानदेय के कार्यालय आदेश की प्रति जलाकर विरोध जताया. कैडरों का कहना है कि सरकार ने कैडर के साथ छल किया है. कैडर अब सड़क पर उतर कर आरपार के मूड में है. मौके पर कैडरों ने शपथ लिया है कि सरकार ने कैडर मानदेय पॉलिसी नहीं बदला तो 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में सरकार बदल देंगे. मालूम हो कि जीविका मुख्यमंत्री की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है. जिसने बिहार की सूरत बदलने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों के बदलाव में जीविका का एक बड़ा योगदान है. कैडरों ने कहा कि आज जीविका में कार्यरत लगभग 1.5 लाख कैडरों का मानदेय भुगतान पद्धति बिल्कुल बंधुआ मजदूर वाली है. जिसमें 90 प्रतिशत महिला कैडर शामिल हैं. जीविका प्रबंधन से कई बार अनुरोध करने पर भी अभी तक उसमें कोई पहल नहीं हो पाया है,जिससे जीविका कैडरों के बीच जीविका प्रबंधन और सरकार के प्रति असंतोष व्याप्त है. सभी कैडर अल्प मानदेय पर काम करने वाले गरीब तबके के लोग हैं. उनके सामने आर्थिक समस्या उत्पन्न हो गई है. इस मौके पर महारानी कुमारी, गीता कुमारी, बबीता, विभा कुमारी, सुधा कुमारी, मीनु कुमारी, पुष्पा भारती, नेहा कुमारी, मुन्नी कुमारी, सुनिता कुमारी, साधना कुमारी, सुशीला कुमारी, रंजू पंडित, लक्ष्मी कुमारी, सरिता कुमारी, शशिकला कुमारी, रोजी कुमारी आदि मौजूद थीं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है