भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक पर कार्रवाई समेत अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे छात्रों को निलंबित किये जाने से छात्र नेताओं में आक्रोश है. शुक्रवार को संयुक्त छात्र संगठनों ने कुलपति कार्यालय के बाहर निलंबन पत्र को जलाकर विरोध जताया. एनएसयूआइ के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक मनीष कुमार ने कहा कि लोकतंत्र में आंदोलन करना छात्र संगठनों का अधिकार है और छात्र-छात्राओं के शोषण और दमन के खिलाफ आवाज उठाना छात्र नेताओं का कर्तव्य है. कुलपति के द्वारा विश्वविद्यालय कैंपस में छात्रों के आवाज को कुचलने का काम किया गया है. आइसा के विश्वविद्यालय अध्यक्ष अरमान अली ने कहा कि जब से कुलपति प्रो विमलेंदु शेखर झा ने जिम्मेदारी संभाली है, तब से ही छात्र-छात्राओं को परेशान किया जा रहा है. विरोध करने पर आंदोलनकारी छात्र नेताओं पर लाठीचार्ज, गिरफ्तारी व निलंबन की कार्रवाई की जा रही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. मौके पर छात्र लोजपा के जसवीर पासवान, भीम आर्मी के बिट्टू रावण, एआईएसएफ छात्र नेता डा प्रभात रंजन, एनएसयूआई छात्र नेता अंकित झा, आइसा के विश्वविद्यालय मीडिया प्रभारी राजकिशोर राज, मंटू कुमार आदि उपस्थित थे.
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