कुमारखंड. शराब पीने से मना करने को लेकर हुए विवाद में कुदाल से काट कर सुमन देवी की हत्या मामले में हत्यारोपित देवर भरत यादव को पुलिस ने बुधवार सुबह छर्रापट्टी गांव से गिरफ्तार कर लिया. मालूम हो कि सोमवार को देवर भरत यादव ने कुदाल से हमला कर सुमन देवी की हत्या कर दी. घटना को लेकर मृतिका के ससुर अभिनन्दन यादव के आवेदन पर पति सतीश यादव एवं देवर भरत यादव के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज किया गया है. गिरफ्तार आरोपी की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त कुदाल भी बरामद कर लिया गया है. मृतका के ससुर ने पुलिस को बताया कि सोमवार को शराब के नशे में सतीश यादव के घर पहुंचने पर पत्नी सुमन देवी, पुत्र नीतीश कुमार, पुत्री पूजा कुमारी एवं मां चन्द्रकला देवी उसे समझाने लगी तो वह सभी से भीड़ गये. धक्का मुक्की के दौरान सतीश के शोर मचाने पर भाई को बचाने पहुंचे भरत ने पास में पड़े कुदाल से सुमन देवी के सिर पर हमला बोल दिया. इससे सुमन देवी का सिर दो टुकड़ा हो गया. वहीं नीतीश कुमार को कुदाल से मारकर बुरी तरह जख्मी कर दिया, जबकि पूजा कुमारी एवं चंद्रकला देवी का भी सिर एवं हाथ कट गये. परिजनों ने इलाज हेतु भर्ती सीएचसी कुमारखंड में भर्ती कराया गया. जहां से चिकित्सक नवीन कुमार भारती ने सभी को जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल मधेपुरा रेफर कर दिया. जहां पहुंचते ही सुमन देवी की मौत हो गयी. बताया जाता है पुत्र के हाथ दो पुत्रवधू की हत्या बाद अभिनन्दन यादव ने गेरुआ वस्त्र धारण कर योगी बन घर से निकल गये हैं. इस संबंध में अपर थानाध्यक्ष गोपेन्द्र सिंह ने बताया कि हत्या आरोपित भरत यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है, हत्यारे के निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त कुदाल बरामद कर लिया गया है. हत्यारा पति सतीश के गिरफ़्तारी हेतु छापेमारी की जा रही है. वर्ष 2001 में गर्भवती रूबी देवी हत्याकांड में जेल से लौटा है भरत यादव प्राप्त जानकारी के अनुसार, वर्ष 2001 में भरत यादव ने गर्भवती पत्नी रूबी देवी की गला रेत कर हत्या कर दी थी. पुत्रवधू की जान बचाने के दौरान पिता को भी दबिया मारकर जख्मी कर दिया था. पिता ने पुत्रवधू की हत्या का मामला दर्ज कराया था. मामले में तीन वर्ष जेल की सजा काटकर घर लौटा भरत अपने कमर में हमेशा दबिया लेकर चलने लगा और किसी किसी बात पर लोगों एवं बच्चों पर दबिया से हमला कर बैठता था. इस अजीबोगरीब हरकत से परिवार से लेकर गांव के बूढ़े एवं बच्चे भी डरने लगे. जिधर से गुजरता उधर से लोग भागने लगते थे.
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