प्रतिनिधि, मधेपुरा शहर से लेकर गांव तक दीपावली की धूम दुर्गा पूजा के बाद से नजर आने लगती है. लोग घर से लेकर दुकान तक को सजाने-सवांरने या फिर नये रूप देने में लग जाते हैं. पहले के समय में चूना या सफेदी से ही काम चल जाता था, लेकिन अभी के दिनों में बाजार का ट्रेंड पूरी तरह बदल चुका है. घर के अंदर व बाहर की दीवार को सजाने के लिए डिसटेंपर, प्लास्टिक पेट सहित कई प्रकार के रंग उपलब्ध हो गये है. इतना ही नहीं घर के अंदर में रंग भरने में भी सभी सदस्यों के पसंद को अपनाया जा रहा है. इन सभी कामों के लिए हार्डवेयर दुकानदार से लेकर छोट बड़े इंटिरियर विशेषज्ञ से लेकर इंटरनेट तक की मदद ली जाने लगी है.
दीपावली हमेशा से एक विशेष उत्सव के रूप में मनाया जाता है. इसकी तैयारी को लेकर शहर के बाजारों में रौनक बढ़ गयी है. दीपावली में साफ-सफाई करने और घरों में सजावट करने की परंपरा रही है. इन दिनों घरों की सजावट में सबसे ज्यादा इस्तेमाल आकर्षक लाइटों का किया जाता है. लोग अभी से दीपावली को लेकर खरीदारी करने में जुट गए हैं. दीपावली के समय कंपनी व दुकानदारों द्वारा विशेष छूट जीती है, जिसका लोग भरपूर फायदा उठाना चाहते हैं. इसके लिए लोग अभी से मोबाइल, टीवी, फ्रिज, गोदरेज, वाशिंग मशीन समेत अन्य चीजों को पसंद कर एडवांस बुकिंग कर रहे हैं.
महिलाएं व बच्चों के जिम्मे होती है सजावट
अमूमन सभी घरों में दीपावली में महिलाएं अपने घर की इंटीरियर डिजाइन जरूर बदलती हैं. जिसमें सर्वप्रथम दीवाली में नये परदे, नये कुशन, नयी चादर व नये शो पिस खरीदती है. इसके अलावा फ्लोटिंग कैंडल व सजावट की सामग्री खरीदी जाती है. वही दीपावली को लेकर कुम्हार भी दीए बनाने में जुट चुके हैं. घर की सजावट कर बना सकते हैं आकर्षकआप घर पर ही उपलब्ध चीजों और थोड़े खर्च से घर की सजावट कर और आकर्षक बना सकते हैं. अपने घर का पूरा इंटीरियर डेकोरेशन कर सकते हैं. इसके अलावा अलग-अलग कलर व शेप के कुशन से सोफे को सजा सकते हैं. यह मैचिंग बहुत अच्छी लगेगी.
पुराने परदे को लेस, बटन व क्रिस्टल स्टोन से सजायें
यदि इस वर्ष आप घर के परदे नहीं बदल रहे हैं, तो पुराने परदे को ही लेस, बटन व क्रिस्टल स्टोन से सजायें, उसमें आर्टिफिशियल फ्लावर से भी डेकोरेट कर सकते हैं. चादर से घर का इंटीरियर डेकोरेशन पर बहुत फर्क पड़ता है. यदि आपकी चादर आकर्षक हो, तो घर भी वैसा ही खूचसूरत लगता है. रंगीन दिखे घर का हर कोनाघर का हर कोना कालरपुल दिखे, तो अच्छा लगेगा, आप चादर को कंस्ट्रास्ट लुक दे सकते हैं. मिथिला में अर्पण व रंगोली बनाने की भी परंपरा है. घर को आकर्षक बनाने के लिए दरवाजे या हॉल में अर्पण बनाया जा सकता है. इसके अलावा दाल की रंगोली बना सकती हैं. दाल स्वयं रंगीन होती है, जिससे घर में आने वाले हर मेहमान की नजर उस पर जरूर जायेगी. रंगोली को आप दरवाजे से थोड़ा हटा कर सेंटर में रखें, जहां वह हवा से बुझ नहीं पाये. उसके आसपास फूलों से सजावट करें.
लाइट से डेकोरेशन का भी है चलन
घरों की सजावट के लिए लोग बाजार में उपलब्ध नये प्रकार को लाइटों की खरीदारी कर रहे हैं. बाजार में घरेलू लोगों के साथ-साथ ग्रामीण इलाके में आये लाइट के कारोबारी भी जोर-शोर से लाइटों की खरीदारी में जुटे हैं. इस बार लोगों को हैंगिंग लाइट में केज लाइट, फूट लाइट और लेजर लाइट काफी पसंद आ रहे हैं. चाइनिज लाइट के अलावा लोगों को इंडिया मेड लाइट जैसे फ्लोर दीया, ओम व स्वास्तिक चिह्न वाली लाइट, देसी झालर अपनी ओर आकर्षित कर रही है. लेजर व हैगिंग लाइट में कई वेराइटी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है