चार बजे अनशन समाप्त करने का लिया निर्णय
कुलपति ने सहानुभूतिपूर्वक विचारोपरांत अनशनकारियों के द्वारा पुनर्योग के लिए निर्धारित शुल्क व प्रक्रिया के अंतर्गत नियमसंगत कार्रवाई जल्द ही कर करने का आश्वासन दिया है. आश्वासन पत्र मिलने के बाद अनशनकारियों ने आपस में विचार-विमर्श कर शाम लगभग चार बजे अनशन समाप्त करने का निर्णय लिया. शुक्रवार को से दिनभर अनशन स्थल पर गहमागहमी का माहौल रहा. सदर अंचलाधिकारी व सदर थानाध्यक्ष तथा पुलिस पदाधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद छात्र व विश्वविद्यालय के अधिकारियों के बीच वार्ता हुई. 30 जुलाई से ही शुरू है आमरण अनशनमालूम हो कि 16 जून को पीएचडी कोर्स वर्क का परीक्षा परिणाम जारी किया गया था,जिसमें 98 छात्र फेल हो गये थे. फेल छात्रों ने आंदोलन किया, तो आवेदन लेने के बाद आधे से अधिक छात्रों को पास कर दिया गया. शेष छात्र फेल ही रह गये. जिसमें छह फेल छात्रों ने 30 जुलाई से विश्वविद्यालय परिसर में आमरण अनशन शुरू कर दिया.
फेल छात्रों की तरह हमें भी करें पास
अनशनकारियों का कहना था कि जिस तरह आधे से अधिक फेल छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालय प्रशासन ने पास कर दिया, उसी तरह उनलोगों को भी पास किया जाय. अनशन पर राजू कुमार, प्रियंका कुमारी, रेना कुमारी, राजनंदन कुमार, गुलशन कुमार व मनोहर कुमार थे. शुक्रवार को छात्र राजद के विश्वविद्यालय अध्यक्ष सोनू यादव ने भी अनशनकारियों छात्र-छात्राओं की मांग को जायज बताते हुए अनशन का समर्थन किया था. इस अवसर पर छात्र जाप के पूर्व जिलाध्यक्ष रौशन कुमार बिट्टू, छात्र जाप के पूर्व विश्वविद्यालय अध्यक्ष अमन कुमार रितेश, माधव यादव, सारंग तनय, निखिल कुमार, सुशील कुमार आदि मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है