प्रतिनिधि, मधेपुरा लोगों की परेशानी को देखते हुए परिवहन विभाग द्वारा प्रदूषण प्रमाण-पत्र न होने पर चालान की राशि को वाहनों की श्रेणी के अनुसार निर्धारित किया गया है. वहीं वाहन मालिकों को प्रदूषण प्रमाण पत्र अद्यतन कराने के लिए सात दिनों का समय भी दिया गया है. इस बाबा जिला परिवहन पदाधिकारी निकिता ने बताया कि विभाग ने बिना प्रदूषण प्रमाण-पत्र के गाड़ियों पर लगने वाले जुर्माने की राशि में बड़ी कटौती की है. यह राशि अब वाहनों की श्रेणी के अनुसार तय होगी. पहले दोपहिया से लेकर चारपहिया व मालवाहक वाहन तक प्रदूषण फेल होने पर एक समान दस हजार रुपये का जुर्माना देना पड़ता था, लेकिन अब इसे वाहन की श्रेणियों के हिसाब से एक हजार से लेकर पांच हजार रुपये तक कर दिया गया है. परिवहन विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है. नये प्रावधान में अब प्रदूषण प्रमाण-पत्र के मामले में ई-चालान जमा करने के लिए वाहन चालकों को सात दिनों का समय दिया जायेगा. इस अवधि में चालान जमा नहीं करने के बाद ही दूसरा जुर्माना किया जायेगा. दरअसल, राज्य के टोल प्लाजा पर ई-डिटेक्शन के माध्यम से प्रदूषण के साथ बीमा और परमिट फेल औसत एक हजार वाहनों का हर दिन ई-चालान कट रहा है। इसमें प्रदूषण नये प्रावधान के अनुसार जुर्माना राशि दो पहिया वाहनः प्रथम अपराध के लिए एक हजार, दूसरी बार के लिए डेढ़ हजार. तिपहिया वाहनः प्रथम अपराध के लिए डेढ़ हजार, दूसरी बार के लिए दो हजार रुपये. हल्के मोटरयान (एलएमवी): प्रथम अपराध के लिए दो हजार रुपये, दूसरी बार के लिए तीन हजार रुपये. मध्यम मोटरयान (एलएमवी): प्रथम अपराध के लिए तीन हजार, दूसरी बार के लिए चार हजार भारी मोटरयान (एचएमवी) :प्रथम अपराध के लिए पांच हजार रुपये, दूसरी अपराध के लिए दस हजार रुपये. अन्य वाहनः प्रथम अपराध के लिए डेढ़ हजार रुपये, द्वितीय अपराध के लिए दो हजार वसूलने की व्यवस्था की है.
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