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Court News. ऋषभ हत्या मामले में पति-पत्नी को आजीवन सश्रम कारावास

जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय वेद प्रकाश मोदी की न्यायालय में घोघरडीहा थाना क्षेत्र में करीब बारह वर्ष पूर्व ढाई साल के ऋषभ के हत्या मामले को लेकर सजा के बिंदु पर बुधवार को सुनवाई हुई.

Court News. मधुबनी. जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय वेद प्रकाश मोदी की न्यायालय में घोघरडीहा थाना क्षेत्र में करीब बारह वर्ष पूर्व ढाई साल के ऋषभ के हत्या मामले को लेकर सजा के बिंदु पर बुधवार को सुनवाई हुई. न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद घोघरडीहा थाना क्षेत्र के विरौल निवासी राजेंद्र ठाकुर एवं उनकी पत्नी कविता देवी को दफा 302 भादवि में आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनायी है. साथ ही न्यायालय ने दोनों आरोपी पर दस- दस हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की राशि नहीं देने पर छह- छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. वहीं न्यायालय ने हत्या कर साक्ष्य मिटाने के लिए दफा 201 भादवि में भी दोनों आरोपी को पांच- पांच वर्ष कारावास व पांच – पांच हजार जुर्माना भी लगाया है. सभी संजाएं साथ-साथ चलेगी. सरकार की ओर से न्यायालय में बहस करते हुए अपर लोक अभियोजक संजय कुमार ने आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग की थी. वहीं बचाव पक्ष से अधिवक्ता कृष्णदेव यादव ने बहस करते हुए न्यायालय से कम से कम सजा देने की मांग की थी. क्या है मामला अभियोजन के अनुसार 17 फरवरी 2012 सूचक के पोता ऋषभ कुमार ठाकुर बगल में आरोपी के घर के पास चापाकल पर खेल रहा था. इसी दौरान बच्चे को पेंट में पेशाब हो गया. आरोपी कविता देवी ने उसे पेंट खोलकर चापाकल पर रखकर स्वेटर खोलकर घर से आने को कहा. इसके बाद बच्चा गायब हो गया. बच्चे के गायब होने के बाद परिजन व प्रशासन ने काफी खोजबीन की. इसके बाद डॉग स्क्वयाड भी लाया गया. लेकिन बच्चे की पता नहीं चला. बच्चे को खोज के लिए मंगाया गया था भगता बच्चे की गायब होने पर आरोपी ने ही भगाता मंगाने का सलाह दी थी. फिर आरोपी ने ही अपने संबंधी में से एक भगता लाया था. भगाता आने पर बच्चा बरामदगी के लिए खर्चा भी लगने की बात बताई गयी थी. 12 दिन बाद तालाब से मिला था ऋषभ का शव घटना के 12 दिन के बाद ऋषभ का शव तालाब में मिला था. शव की सूचना आरोपी ने ही पहले बच्चे के परिजन को न देकर चौकीदार को खबर किया था. जबकि सूचक का घर आरोपी के बगल में था. चौकीदार का घर दूर था. मामले को लेकर मृतक के दादा प्रभाष ठाकुर ने घटना को लेकर घोघरडीहा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. सजा सुनते ही आरोपी कविता हुई बेहोश न्यायालय में उपस्थित दोनों आरोपी सजा सुन कर ज्योंही बरामदा पर आयी आरोपी कविता देवी बेहोश होकर गिर गई. तत्काल मौके पर उपस्थित पुलिस कर्मी व उसके परिजन उसे पानी का छींटा दिया. इसके बाद वह होश में आयी. फिर उसे कोर्ट परिसर स्थित अस्पताल लाया गया. जहां उसका चेकअप कर स्थिति सामान्य होने के बाद फिर उसे परिसर स्थित कारा में भेज दिया गया.

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