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पारा 38 के पार, भीषण गर्मी व हीट वेव की नहीं करें अनदेखी

जिले में गर्मी का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. भीषण गर्मी के कारण रविवार को पारा 39 डिग्री सेल्सियस को छू लिया. जिसके कारण जनजीवन काफी प्रभावित हो रहा है.

मधुबनी. जिले में गर्मी का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. भीषण गर्मी के कारण रविवार को पारा 39 डिग्री सेल्सियस को छू लिया. जिसके कारण जनजीवन काफी प्रभावित हो रहा है. भीषण गर्मी के कारण बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा. बहुत जरूरी होने पर ही लोग घर से बाहर निकल रहे हैं. जानकारों की मानें तो आने वाले दिनों में तपिश और बढ़ने की आशंका है. अत्यधिक गर्मी एवं इससे उत्पन्न लू से आम जनों को स्वास्थ्य संबंधी गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. विशेषकर छोटे बच्चों, स्कूली बच्चों, बुजुर्ग, गर्भवती एवं धात्री माताओं व विभिन्न कार्य के लिए घर से बाहर निकलने वाले लोगों को स्वास्थ्य संबंधी काफी समस्याएं हो सकती है. इस मौसम में पेयजल संकट की स्थिति भी समस्याएं उत्पन्न होती है. सिविल सर्जन डॉ. नरेश कुमार भीमसारिया ने भीषण गर्मी व लू से बचाव व इससे उत्पन्न स्वास्थ संबंधी बीमारियों के उपचार एवं प्रबंधन के लिए सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया है. सीएस ने जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रेफरल अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल एवं सदर अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक को भीषण गर्मी एवं लू से प्रभावित व्यक्तियों के अहर्निश रूप से समुचित चिकित्सीय उपचार एवं प्रबंधन के लिए विशेष कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया है. सभी सरकारी अस्पतालों में एंटी डायरियल मेडिसिन, आइबी फ्लूड ओआरएस एवं इससे संबंधित अन्य आवश्यक औषधियों व मेडिकल डिवाइस एवं कंज्यूमेबल की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. लू से प्रभावित व्यक्तियों का हर्ट रेट, रिस्पायरेट्री रेट, ब्लड प्रेशर, रेक्टल टेंपरेचर एवं मेंटल स्टेट का लगातार निगरानी करने का निर्देश दिया है. लू से ग्रसित गंभीर मरीजों का कंपलीट ब्लड काउंट, इलेक्ट्रोलाइ, ईसीजी, अदर मेटाबॉलिक एब्नार्मेलिटीज, लिवर फंक्शन टेस्ट एवं किडनी फंक्शन टेस्ट कराने की व्यवस्था सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है. सभी सरकारी अस्पतालों में भीषण गर्मी एवं लू के चिकित्सकीय प्रबंधन के लिए डेडीकेटेड वार्ड में समुचित संख्या में बेड की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है. डेडीकेटेड वार्ड में 24 घंटे चिकित्सकों एवं पारा चिकित्सा कर्मियों का रोस्टर संधारित करते हुए प्रतिनियुक्ति करने का निर्देश दिया है. भीषण गर्मी एवं लू के मद्देनजर सभी एंबुलेंस में एयर कंडीशन की क्रियाशीलता ऑक्सीजन एवं आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था की मॉनिटरिंग सीएस कर रहे हैं. साथ ही एंबुलेंस को 24 घंटे अलर्ट मोड में रखने का भी निर्देश दिया है. सदर अस्पताल एवं अनुमंडलीय अस्पताल सहित जिला के प्रभावित क्षेत्रों के निकटतम सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में रोस्टर संधारित कर अतिरिक्त चिकित्सकों एवं पारा मेडिकल स्टाफ की 24 घंटे तैनाती व आवश्यक औषधियों एवं चिकित्सकीय उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.

छह माह तक के शिशुओं को कराएं सिर्फ स्तनपान

सदर अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. विवेकानंद पॉल ने कहा है कि 6 माह तक के शिशुओं के लिए सिर्फ स्तनपान ही पर्याप्त होता है. गर्मी के कारण स्तनपान के साथ किसी भी प्रकार का तरल पेय पदार्थ या पानी बच्चों को नहीं देना चाहिए. गर्मी के मौसम में अधिक से अधिक बार स्तनपान कराकर गर्मी के कारण होने वाली विभिन्न समस्याओं से बच्चों को सुरक्षित किया जा सकता है. साथ ही गर्भवती महिलाओं को गर्मी के मौसम में लू से बचने के लिए पोषक तत्वों के सेवन के अलावे प्रचुर मात्रा में पानी एवं मौसमी फलों और ताजी सब्जियों का सेवन जरुर करना चाहिए.

ऐसे पहचानें लू के लक्ष्ण

तेज सिर दर्द का होना, उल्टी या जी मचलाना, बुखार का होना, त्वचा का लाल, गर्म एवं सूखा होना ( पसीना नहीं आना), बेहोशी या चक्कर आना, घबराहट या संशय का बढ़ जाना, अत्यधिक आलस या सुस्ती का होना.

दैनिक दिनचर्या व आहार परिवर्तन जरुरी

गर्मी के बढ़ने से पसीना आना शुरू हो जाता है. इससे शरीर में पानी की मात्रा में तेजी से कमी आती है. इसलिए इस मौसम में प्रचुर मात्रा में पानी का सेवन करना फायदेमंद है. साथ ही मौसमी फलों और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन भी शरीर में पानी की मात्रा को संतुलित करने में सहायक होता है.

लू से बचाव

सीएस ने कहा है कि कुछ सावधानी बरतकर लू से बचाव किया जा सकता है. खाली पेट घर से बाहर नहीं निकलें. सुपाच्य एवं हल्के भोजन का सेवन करें. अत्यधिक शीतल पेय पदार्थों के सेवन करने से बचें. देर रात तक नहीं जागें एवं कम से कम 8 घंटे की नींद जरुर लें. अत्यधिक वजन से शरीर में अतिरिक्त ऊष्मा पैदा होती है. इसलिए अत्यधिक वजन वाले लोग गर्मी के दिनों में वसा युक्त भोजन सेवन करने से बचें.

लू लगने पर लें परामर्श

सिविल सर्जन डॉ. नरेश कुमार भीमसारिया ने कहा है कि दोपहर में घर से निकलने से बचना चाहिए. अधिक धूप की स्थिति में छाता का उपयोग करना चाहिए. लू लगने की स्थिति में चिकित्सकीय परामर्श जरुरी है. ऐसे में प्राथमिक उपचार के तौर पर लू लगने पर ओआरएस का घोल पीना चाहिए. ताकि अतिसार से बचा जा सके. इसके इलाज के लिए जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों एवं जिला अस्पताल में पर्याप्त सुविधा भी उपलब्ध करायी गयी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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