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Madhubani News. सर्दी खांसी बुखार सहित दमा के मरीजों की संख्या में हो रही है बढ़ोतरी

पिछले दो-तीन दिनों से कुहासा व पछिया हवा के कारण बढ़ रही ठंड के कारण मरीजों की संख्या में कमी आयी है. लेकिन सर्दी, खांसी, बुखार, दमा व ब्लड प्रेशर के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है.

Madhubani News. मधुबनी. पिछले दो-तीन दिनों से कुहासा व पछिया हवा के कारण बढ़ रही ठंड के कारण मरीजों की संख्या में कमी आयी है. लेकिन सर्दी, खांसी, बुखार, दमा व ब्लड प्रेशर के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. इन मरीजों को अस्पताल में चिकित्सकों द्वारा आवश्यकतानुसार इलाज व परामर्श दिया जा रहा है. चिकित्सकों की माने तो ऐसे मौसम का काम शुरू कर दी गई है, ताकि ठंड के मौसम में भर्ती मरीजों को राहत मिल सके. मौसम में तब्दीली एवं पछिया हवा के कारण ठंड का प्रकोप बढ़ने लगा है. जिसके कारण सदर अस्पताल में ठंड से प्रभावित मरीजों की संख्या में भी वृद्धि होने लगी है. शनिवार को ओपीडी में आनलाइन रजिस्ट्रेशन के माध्यम से 500 मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया गया. इसमें मेल ओपीडी में लगभग 150 मरीजों का इलाज किया गया. इसमें सबसे अधिक सर्दी, खांसी, वायरस बुखार, बीपी व दमा के मरीज शामिल थे. जिनका इलाज डा. विनय कुमार ने किए गया. स्त्री एवं प्रसूति विभाग के140 मरीजों का इलाज डा. रागिनी ने किया. जबकि सबसे अधिक 167 मरीजों का इलाज डा. राजीव रंजन ने आर्थो ओपीडी में किया गया. इसके अलावे शेष मरीजों में डेंटल, आई व अन्य मरीज शामिल रहे.

दमा व बीपी के मरीज रखें अपना विशेष ख्याल

सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ विनय कुमार ने कहा है कि ठंड में दमा व ब्लड प्रेशर के मरीज अत्यधिक प्रभावित होते हैं. जिसका मुख्य कारण सांस लेने वाले ग्रंथियों में सांस का अवरुद्ध होना है. इसके अधिकतर शिकार धूम्रपान का अधिक सेवन करने वाले मरीज होते हैं. ठंड के मौसम में ब्लड प्रेशर के मरीज का भी ब्लड प्रेशर अधिक हो जाता है. जिसका मुख्य कारण नसों में सिकुड़न होता है. ऐसे में हार्ट अटैक के मरीज की संख्या में बढ़ोतरी का कारण हर्ट को आवश्यकतानुसार ऑक्सीजन का नहीं मिलना होता है. इन बीमारी से ग्रसित मरीजों को दवा का नियमित सेवन करना चाहिए. ऐसे लोग यदि सुबह की सैर करते हैं तो उन्हें देर से सैर करना चाहिए. अधिक ठंड में उन्हें सैर नहीं करना चाहिए. कोल्ड एक्सपोजर से भी ऐसे मरीज को बचना चाहिए. कोल्ड एक्सपोजर के कारण ब्लड प्रेशर के मरीज पैरालाइसिस के शिकार हो सकते हैं. सर्दी के मौसम में सबसे अधिक बचाव कोल्ड एक्स्पोजर से करना है. इसके साथ ही खानपान पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है.

डायरिया से बचाव के लिए करें यह काम

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. रवि प्रकाश ने कहा कि डायरिया से बचाव के लिए टीकाकरण से लेकर ओआरएस व जिंक सदर अस्पताल में उपलब्ध है. 0 से 28 दिन के नवजात शिशुओं को सदर अस्पताल के एसएनसीयू में भर्ती किया जाता है. इससे अधिक आयु के बच्चों को पेडियाट्रिक वार्ड में भर्ती किया जाता है. उन्होंने कहा कि जाड़े के दिनों में बच्चों के लिए सबसे सही ब्रेस्टफीडिंग है. माताओं को अपने बच्चों को बराबर स्तनपान कराते रहना चाहिए. बच्चों को कभी खाली पेट नहीं रखना चाहिए. हड्डी रोग विशेषज्ञ ऑर्थो डा. राजीव रंजन ने कहा, कि ठंड में गुनगुने पानी से स्नान करना चाहिए. इसके साथ ही नियमित व्यायाम करना चाहिए. जोड़ो के दर्द से संबंधित मरीजों को गर्म कपड़े का इस्तेमाल करना चाहिए.

बच्चों व बुजुर्ग को पूरे शरीर ढंक के रखना चाहिए

ठंड के मौसम में बच्चों और बुजुर्गों को पूरे शरीर को हमेशा गर्म कपड़े से ढंक कर रखना चाहिए. इसके साथ ही समय-समय पर ब्लड प्रेशर व ब्लड शुगर की जांच कराते रहना चाहिए. पीने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करना चाहिए. सदर अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ. राजीव रंजन ने कहा कि अस्पताल में दवा की कोई किल्लत नहीं है. ठंड जनित बीमारियों का प्रकोप बढ़ने लगा है. इसमें सर्दी, खासी, जोड़ों का दर्द एवं बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ गई है. अस्पताल में भी इन दिनों इन्हीं बीमारियों के मरीज आ रहे हैं. हड्डी रोग विशेषज्ञ ने कहा कि जाड़े में जोड़ों के दर्द के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. ठंड के कारण बच्चे व बुजुर्गों अधिक प्रभावित हो रहें हैं. ठंड का प्रकोप बढ़ने से बुजुर्गों को सतर्कता बरतनी चाहिए. इससे बचाव के लिए शिशु रोग विशेषज्ञ ने कहा कि ठंड के कारण दोनों वर्गों के व्यक्तियों पर अधिक खतरा बना रहता है. उन्होंने कहा कि नवजात शिशु की बात करें तो समय से पूर्व जन्मे बच्चों को हाइपोथर्मिया होता है. ऐसे बच्चों को जन्म के साथ ही उनके शरीर के लिए गर्मी अति आवश्यक है. इसके लिए नवजात शिशु को हमेशा गर्म कपड़े में लपेटकर रखने की सलाह दी जाती है.

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