महाराजगंज. राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने बंगरा गांव स्थित शहीद देवशरण सिंह स्मारक भवन का शिलान्यास व स्वतंत्रता सेनानी स्व. रघुवीर सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया. साथ ही उनके स्मृति में स्थापित पुस्तकालय का लोकार्पण किया. स्मारक भवन के निर्माण पर कुल 99 करोड़ 98 लाख रुपये खर्च होंगे. इस मौके पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि भारत की गिनती शीघ्र ही विकसित देशों में होने लगेगी. हर भारतवासी को यह समझना चाहिए कि अपना भारत अब अनडेवलप्ड नहीं है, अंडरडेवलप्ड नहीं है, डेवलपिंग नहीं है, अब विकसित भारत का सपना साकार हो रहा है.
प्रधानमंत्री का यह सपना है कि देश विकसित हो
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह सपना है कि देश विकसित हो.उसको साकार करने का दायित्व हम सबका बनता है. भारत को लोग सोने की चिड़िया कहते थे. अब भारत सोने की चिड़िया नहीं बनेगा,बल्कि भारत सोने का शेर बनेगा. भारत सोने का शेर बनेगा तो इसकी दहाड़ से पूरे विश्व को सुनाई देगी और तब जाकर के भारत विश्व गुरु बनेगा. उन्होंने ने कहा कि अगर मुझे कोई बिहारी कहता है तो मुझे गर्व की अनुभूति होती है. देश की आजादी के समय शहीदों ने जो सपना देखा था आज साकार होता दिख रहा है. स्वतंत्रता संग्राम सपूतों ने भारत को विकसित राष्ट्र के रूप में देखना चाहते थे,उसी के पथ पर आज देश के प्रधानमंत्री चल रहे हैं.
बंगरा गांव वीरों की धरती
उन्होंने कहा कि बंगरा गांव वीरों की धरती हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षा के बारे में हम कुछ करना चाहते हैं. बिहार की पूरी जनता का यह सपना है. इस दिशा में अपना बिहार जा रहा है.अपने देश के अस्मिता आगे आनी चाहिए. उन्होंने कहा कीि मुझे तो लगता है कि यह राम मंदिर नहीं है, भारत के अस्मिता का राष्ट्र मंदिर है. 22 जनवरी को राष्ट्र की अस्मिता पुनः एक बार सामने आ रही है. 22 जनवरी को प्रधानमंत्री के हाथों से रामलला विराजमान होंगे. हम उस दिन दिवाली मनाएंगे.यह मंदिर राम मंदिर नहीं बल्कि राष्ट्र मंदिर है.उन्होंने आगामी 22 जनवरी को दीपोत्सव मनाने का आह्वान किया. उन्होंने महाराजगंज के सभी स्वतंत्रता सेनानियों को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया.
1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में हुए थे शहीद
महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सीग्रीवाल ने कहा कि हमारे बीरबाकुडों ने भारत से अंग्रेजी हुकूमत को जड़ से उखड़ने में अपनी जान तक गंवा दी थी. आज हमारे बिहार के राज्यपाल स्वतंत्रता सेनानियों के भूमि पर आकर उनके सम्मान में सेनानी सम्मान भवन का शिलान्यास भूमिदाता स्व. बिशून सिंह की जमीन में रखी. धन्यवाद मंच के अध्यक्ष ई सुगेंद्र सिंह ने किया. बंगरा के देव शरण सिंह 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में शहीद हुए थे. उनके पुत्र बलिराम सिंह ने बताया कि पूर्व में अंग्रेजी हुकूमत ने फुलेना शहीद स्मारक पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के क्रम में उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया गया. जिसके 14 दिन बाद सीवान अस्पताल में इलाज के क्रम में वे वीरगति को प्राप्त हो गए.
स्मारक बनाने के लिए 1946 में भूमि दिया
पटना साइंस कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. जनार्दन सिंह व जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया के अधिकारी शिव शंकर सिंह ने बताया कि देवशरण सिंह के भारत छोड़ो आंदोलन में शहीद हो जाने के बाद गांव में स्मारक बनाने के लिए सूर्यदेव सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई. जिसमें स्मारक बनाने का निर्णय लिया गया. समिति के अध्यक्ष ई सुगेंद्र कुमार सिंह के पूर्वज बाबू विशुन सिंह की धर्मपत्नी बहुरिया चांदजोता कुंवर व बाबू बैद्यनाथ सिंह की पत्नी दुल्हिन रामदेवा कुंवर ने स्मारक बनाने के लिए 1946 में भूमि दिया था. जयप्रकाश नारायण ने देवशरण सिंह स्मारक की नींव रखी थी.जिसके बाद देव शरण सिंह स्मारक बनकर तैयार हुआ.
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राज्यपाल को 27 प्रकार का परोसा गया व्यंजन
महाराजगंज.स्थानीय प्रखंड के बंगरा स्थित ई सुगेंद्र सिंह के निवास पर राज्यपाल और आगंतुक लोगों के लिए 27 प्रकार के व्यंजन परोसे गए. जिसमें मोटे अनाज से लेकर वर्तमान में उपजने वाले अनाज के विभिन्न व्यंजन परोसे गए. पूर्व स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, गोरेयाकोठी के विधायक देवेशकांत सिंह, पूर्व विधायक देवरंजन सिंह, ज्ञानचंद मांझी आदि ने संबोधित किया.इस दौरान गोरख सिंह कॉलेज के निदेशक डॉ अभय कुमार सिंह,जनक देव तिवारी, पृथ्वीराज सिंह,प्रमोद सिंह सीग्रीवाल. पूर्व विधायक डॉ देवराजन सिंह, अवधेश पांडे, मुकेश सिंह, भास्कर सिंह,मुकेश सिंह, विकास सिंह, जलेश्वर सिंह, कुमार राज कपूर टीपू कुमार, आशुतोष, प्रियम राज, भास्कर कुमार आदि की उपस्थिति रही.