मनोज कुमार, पटना: नये वित्तीय वर्ष का अभी दो माह पांच दिन ही बीता है. लेकिन, इस दौरान बिहार में दो लाख 57 हजार 250 जॉब कार्ड डिलीट किये गये हैं. विभाग की ओर से इसके पीछे की वजह भी बतायी गयी है. विभाग का कहना है कि बहुत सारे लोग काम नहीं करना चाहते थे और जॉब कार्ड बनवा लिये थे. आधार कार्ड नहीं देने वालों का भी जॉब कार्ड डिलीट हुआ है. कई जगहों पर एक ही व्यक्ति के दो-दो जॉब कार्ड बन गये थे. बड़ी संख्या में जॉब कार्डधारी पलायन कर गये. ऐसे लाभुकों का भी जॉब कार्ड डिलीट किया गया है.
जॉब कार्ड डिलिट होने की वजह..
विभाग की ओर से यह भी बताया गया जिनका निधन हो गया है, उनका भी जॉब कार्ड डिलीट किया गया है. मनरेगा के स्टेट कार्यक्रम पदाधिकारी (एसपीओ) अनीश रंजन ने बताया कि जरूरी अहर्ता पूरी करने और कागजात देने के बाद डिलीट जॉब कार्ड पर फिर से विचार होता है.
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पिछले साल 21 लाख जॉब कार्ड हुए थे डिलीट
वित्तीय वर्ष 2023-24 में 21 लाख 13 हजार 194 जॉब कार्ड डिलीट किये गये थे. तब इस पर कई सवाल उठे थे. तकनीकी कारणों से जरूरतमंद ग्रामीणों का भी जॉब कार्ड डिलीट कर देने का आरोप लगा था. इस वजह से उनको काफी परेशानी हुई. एक बार जॉब कार्ड डिलीट हो जाने के बाद दोबारा इसे बनवाना सामान्य ग्रामीणों के लिए आसान नहीं होता.
पूर्णिया, अरवल, औरंगाबाद व समस्तीपुर में सबसे अधिक जॉब कार्ड डिलीट
- पूर्णिया 31551
- पटना 28377
- औरंगाबाद 28209
- अररिया 24741
- समस्तीपुर 24388
- गया 23966
- रोहतास 21260
- नालंदा 13195
- बेगूसराय 10524
- जमुई 10475
- पश्चिम चंपारण 6147
- शिवहर 5557
- मधेपुरा 5079
- वैशाली 4966
- खगड़िया 4129
- सीवान 3503
- सीतामढ़ी 2897
- दरभंगा 2815
- मधुबनी 2563
- कटिहार 2128
- नवादा 2010
- शेखपुरा 1887
- सुपौल 1320
- मुजफ्फरपुर 771
- किशनगंज 657
- गोपालगंज 555
- भागलपुर 468
- बांका 418
- भोजपुर 415
- बक्सर 398
- पूर्वी चंपारण 310
- लखीसराय 206
- सारण 183
- भभुआ 167
- मुंगेर 117
- जहानाबाद 94
- सहरसा 79
- अरवल 49