पटना. कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने पर बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की प्रतिक्रिया आई है. तेजस्वी यादव ने जननायक कर्पूरी को देश का सर्वोच्च सम्मान दिए जाने पर खुशी जाहिर की. उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार लोकसभा चुनाव से पहले ही यह फैसला लेने के लिए क्यों मजबूर हुई. तेजस्वी ने बुधवार को कहा कि महागठबंधन सरकार द्वारा कराई गई, जातिगत गणना की वजह से बीजेपी दबाव में आ गई. ऐसे में केंद्र सरकार ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिया.
हम लंबे समय से यह मांग कर रहे थे
तेजस्वी यादव ने कर्पूरी जयंती के मौके पर बुधवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि हम लंबे समय से यह मांग कर रहे थे. हमें खुशी है कि पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न दिया गया है. राजनीतिक तौर पर इसका प्रभाव भी दिखाई देगा. केंद्र की बीजेपी सरकार ने यह फैसला लोकसभा चुनाव से ठीक पहले लिया है, यह महत्वपूर्ण है या नहीं, यह मायने नहीं रखता है, बल्कि मायने यह रखता है कि हमारी मांग पूरी हो गई है.
अति पिछड़ों को आरक्षण देने की व्यवस्था भी कर्पूरी ने ही लागू की
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में जाति गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद जो आबादी की जो संख्या निकलकर आई, उसके बाद ही भारत सरकार को यह निर्णय लेने के लिए मजबूर होना पड़ा. जाति गणना के आंकड़ों के मुताबिक बिहार में अति पिछड़ा वर्ग की आबादी सबसे ज्यादा 36 फीसदी है. कर्पूरी ठाकुर को इसी वर्गका मसीहा माना जाता था. अति पिछड़ों को आरक्षण देने की व्यवस्था भी कर्पूरी ने ही लागू की थी.
डर से केंद्र सरकार ने भारत रत्न दिया
इधर, खुद को कर्पूरी ठाकुर के अनुयायी मानने वाले लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि मेरे राजनीतिक और वैचारिक गुरु कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न अब से बहुत पहले मिलना चाहिए था. लालू यादव ने कहा कि हमने सदन से लेकर सड़क तक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने के लिए आवाज उठायी, लेकिन केंद्र सरकार तब जागी, जब बिहार सरकार ने जातिगत सर्वे करायी. इस सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर अतिपिछड़ों के लिए आरक्षण का दायरा बढ़ाया गया. इसी को देखते हुए केंद्र सरकार ने भारत रत्न की घोषणा की है. यह एक डर है.
तीनों दल मना रही जयंती
24 जनवरी को जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती मनायी गई है. बिहार के प्रमुख राजनीतिक दल जदयू, राजद और भाजपा तीनों अलग अलग भव्य तरीके से कार्यक्रम का आयोजन किया. सभी कर्पूरी ठाकुर के बहाने अतिपिछड़ा वोटरों को साधने की कोशिश कर रहे हैं. इसी बीच भारत रत्न की घोषणा सोने पर सुहागा जैसा साबित हुआ. नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव और भाजपा नेता अलग अलग दावे कर रहे हैं.