पटना. आयुष्मान भारत योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ड्रीम योजना है. इसके तहत देश और राज्य में कई कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं, ताकि लोगों को और भी बेहतर सुविधाएं मिल सके. आयुष्मान भारत योजना 2018 में लगभग 50 करोड़ भारतीयों को यह सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए शुरू की गयी थी कि गरीबों को अच्छी गुणवत्ता और सस्ती स्वास्थ्य सेवा मिले. इस योजना के तहत एक लाभार्थी प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक मुफ्त चिकित्सा लाभ प्राप्त कर सकता है. इस योजना का बिहार में भी बड़े पैमाने पर गरीबों ने लाभ उठाया है और यह मोदी सरकार की सर्वाधिक लोकप्रिय योजनाओं में से एक है.
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना पात्रता आधारित स्कीम है. इस योजना के तहत किसी नामांकन या रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता नहीं होती. लाभार्थी भुगतान रहित स्वास्थ्य सुविधाओं को प्राप्त करने के लिए किसी भी लिस्टेड सरकारी अथवा निजी अस्पताल जा सकते हैं. आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपए तक प्रति परिवार मुफ्त इलाज मिलता है. बिहार में अबतक कुल 3.30 लाख से अधिक लोग इस योजना के तहत अस्पताल में इलाज करा चुके हैं. बिहार में कुल 943 अस्पताल सूचीबद्ध हैं, जिसमें 571 सरकारी तथा 334 निजी अस्पताल हैं. 38 केंद्र सरकार के अस्पताल भी लिस्टेड हैं, जहां लाभार्थी इलाज करा सकते हैं.
देश के सभी राज्यों के मुकाबले सबसे अधिक आयुष्मान कार्ड मध्य प्रदेश में जारी किए गए हैं. यहां 2.56 करोड़ से अधिक कार्ड हुए हैं. दूसरे स्थान पर तमिलनाडु है, जहां 2.47 करोड़ कार्ड जारी हुए हैं. उत्तर प्रदेश में 1.68 करोड़, छत्तीसगढ़ में 1.48 करोड़ तथा असम में 1.24 करोड़ कार्ड जारी किए गए हैं. बिहार में अब तक 71,69,929 आयुष्मान कार्ड जारी किये गये हैं. बिहार में आयुष्मान कार्ड बनाने की गति तेज हुई है. नवंबर में 42291 कार्ड बने गये हैं.
विभागीय सूत्रों ने बताया कि पिछले दो वर्षों से कोरोना संक्रमण के कारण नये आयुष्मान कार्ड जारी करने की प्रक्रिया धीमी हुई है. राज्य में आयुष्मान भारत योजना 27 सितंबर 2018 से लागू है. कोरोना काल के आयुष्मान कार्ड बनाने को लेकर आमलोगों को जागरूक किया जा रहा था और इसके कारण नये कार्ड जारी करने की गति तेज थी. हाल के दिनों में नये कार्ड जारी करने की प्रक्रिया धीमी हुई है.
बिहार में आयुष्मान भारत योजना के तहत 34 लाख परिवारों को आयुष्मान कार्ड बनाया गया है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, बिहार में 1 करोड़ 08 लाख 85 हजार लाभुक परिवारों को आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जानी है. सभी लाभुक परिवारों और व्यक्तियों को बीमार होने पर बिना कार्ड के भी तत्काल इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश सभी अस्पतालों को दिये गये हैं. बिहार में अब तक करीब 29 लाख लोगों को गोल्डन कार्ड जारी कर दिया गया है. बिहार के अंदर और 80 लाख राशन कार्डधारी परिवार को आयुष्मान योजना से जोड़ने की योजना है, ताकि वंचित लोगों को इस योजना का लाभ मिल सके. इसके तहत राज्य के पौने चार से चार करोड़ लोग इस योजना के लाभुक हो जाएंगे.
बिहार में कुल लक्ष्य का अबतक 31.5 फीसदी परिवारों को ही इस योजना से जोड़ा जा चुका है. सूत्रों के अनुसार, राज्य में अबतक 73 लाख 20 हजार व्यक्तियों को आयुष्मान कार्ड (गोल्डन कार्ड) प्रदान किया गया है. राज्य में आयुष्मान भारत योजना के तहत कुल लक्षित परिवारों के कुल 5 करोड़ 50 लाख व्यक्ति लाभुक हैं. इन व्यक्तियों को लगातार आयुष्मान भारत योजना के तहत पंजीकृत सरकारी एवं निजी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा रही है.
विभाग के मुताबिक राज्य में आयुष्मान भारत योजना के सभी लाभुक परिवारों एवं व्यक्तियों को बीमार होने पर बिना कार्ड के भी तत्काल इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश सभी अस्पतालों को दिये गये हैं. लाभुकों के इलाज के लिए अस्पताल पहुंचने पर अस्पतालों द्वारा तुरंत आयुष्मान कार्ड जारी कर इलाज शुरू करना होगा. इन्हें तुरंत आयुष्मान कार्ड जारी करने के लिए सभी पंजीकृत अस्पतालों को लॉगिन-पासवर्ड दिया गया है.