भागलपुर. सृजन घोटाला मामले में प्रखंड कार्यालयों के बैंक खाते से हुए घोटाले में पूर्व के एक दर्जन से अधिक बीडीओ फंस गये हैं. ये सभी अधिकारी पूर्व में पीरपैंती, गोराडीह, शाहकुंड, सन्हौला व जगदीशपुर में कार्यरत थे. उनके विरुद्ध आरोपपत्र गठित करने की कार्रवाई जिला प्रशासन के स्तर से शुरू कर दी गयी है.
2017 में जिलास्तरीय कार्यालयों के बैंक खाते से घोटाला उजागर होने और इसे लेकर प्राथमिकी दर्ज हो गयी थी, तो यह आशंका जतायी गयी कि प्रखंडों के बैंक खाते से भी घोटाला हुआ होगा. इसके बाद बैंक खातों की जांच करायी गयी. इसमें घोटाला उजागर हुआ और प्राथमिकी दर्ज की गयी. फिर सरकार ने महालेखाकार से प्रखंड कार्यालय का ऑडिट कराया.
ऑडिट रिपोर्ट में बिहार प्रशासनिक सेवा के कई बीडीओ के नाम का उल्लेख किया गया था. ऐसे सभी बीडीओ की सूची तैयार की जा रही है. वहीं, जिला स्थापना शाखा के वरीय उपसमाहर्ता द्वारा प्रखंडों से मांगी गयी रिपोर्ट के बाद पीरपैंती, शाहकुंड व सन्हौला से चिह्नित पदाधिकारियों की रिपोर्ट जिला प्रशासन को मिल चुकी है. लेकिन गोराडीह व जगदीशपुर से रिपोर्ट नहीं आयी है. इन दोनों प्रखंडों के बीडीओ के विरुद्ध डीएम को सूचित करने की तैयारी चल रही है.
विभागीय निर्देश पर जिला स्थापना शाखा के वरीय उपसमाहर्ता ने उक्त सभी पांचों प्रखंडों के वर्तमान बीडीओ को पत्र भेजा था. निर्देश दिया गया था कि ऑडिट रिपोर्ट में अंकित पदाधिकारियों की सूची में अंकित अवधि में संबंधित कार्यालय में पदस्थापित बिहार प्रशासनिक सेवा के बीडीओ को चिह्नित कर रिपोर्ट भेजें.
भागलपुर में सृजन घोटाले से जुड़े एक और मामले में सीबीआइ जांच करेगा. सरकारी बैंक खातों से जालसाजी एवं षड्यंत्रपूर्ण तरीके से सरकारी राशि की अवैध हस्तानांतरण के संबंधित मामलों की जांच सीबीआइ से कराने के लिए गृह विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है.
शुक्रवार की जारी अधिसूचना में बताया गया है कि भागलपुर कोतवाली कांड संख्या 808 /2020 के तहत धारा 409/ 420/ 467/ 468/ 120 बी के तहत बीते वर्ष 23 दिसंबर को प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.
गौरतलब है कि सृजन से जुड़े कई मामलों की जांच सीबीआइ पहले से कर रहा है. उसी जांच के क्रम में जिला प्रशासन द्वारा क्रमश: जरूरत अनुसार प्राथमिकी दर्ज करायी जाती है. अब पिछले साल दर्ज प्राथमिकी के कांड की जांच को भी सीबीआइ को सौंपा गया है.