नयी दिल्ली से सहरसा जा रही 12554 वैशाली एक्सप्रेस से गौरौल और भगवानपुर स्टेशन के बीच 30 लाख रुपये जब्त किये गये हैं. साथ ही मोतिहारी के एक संदिग्ध को भी पकड़ा गया है. प्रारंभिक छानबीन और पूछताछ के बाद आरपीएफ जीआरपी को जब्त नोट और संदिग्ध को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए सौंप देगी. प्रारंभिक छानबीन के बाद आरपीएफ ने बताया कि जब्त 30 लाख की राशि के साथ आजाद आलम को पकड़ा गया है. उसके पास नोट के संबंध में कोई वैधानिक कागजात उपलब्ध नहीं था. नोट जब्ती की पुष्टि आरपीएफ इंस्पेक्टर मनोज कुमार यादव ने की है. संदिग्ध मोतिहारी के सुगौली थाना क्षेत्र के छपवा का रहने वाला है. वह पटना के गांधी मैदान से रुपये भरा बैग थामा था.
इसके बाद वह ई-रिक्शा से गायघाट पहुंचा. फिर वहां से बस से हाजीपुर आया. इसके बाद पैदल ही बैग लेकर हाजीपुर रेलवे स्टेशन गया. प्लेटफाॅर्म दो पर वैशाली एक्सप्रेस के एक स्लीपर कोच में सवार हो गया. गोरौल व भगवानपुर स्टेशन के बीच स्कॉट पार्टी चेकिंग कर रही थी. संदिग्ध के पास बैग देख आरपीएफ को शराब होने की शंका हुई. जब तलाशी ली गयी तो बैग में पांच सौ के नोटों का बंडल देखकर आरपीएफ के जवान दंग रह गये. इसकी तत्काल सूचना अपने नजदीकी पोस्ट को दी. फिर उसे मुजफ्फरपुर आकर आरपीएफ के हवाले कर दिया. जहां संदिग्ध से पूछताछ जारी है.
प्रारंभिक छानबीन में बात सामने आयी है कि जब्त नोट हवाला का है. जिसे आजाद आलम लेकर मोतिहारी जा रहा था. पटना के गांधी मैदान में एक युवक उसे नोटों से भरा बैग दिया था. कोड बताने पर उसकी पहचान हुई, इसके बाद वह रुपये आजाद को थमाया. आजाद इससे पूर्व भी रुपये पटना और अन्य जगहों से ला चुका है.
पूछताछ में बताया कि वह मोतिहारी से सटे इंडो नेपाल बॉर्डर तक रुपये की खेप लेकर जा रहा था. मुजफ्फरपुर जंक्शन पर वह वैशाली एक्सप्रेस से उतर जाता. फिर मुजफ्फरपुर से कोई पैसेंजर ट्रेन पकड़कर सुगौली जाता. वहां तीसरे करियर को रुपये थमा देता. जो नेपाल लेकर बैग चला जाता. नेपाल के हवाला धंधेबाजों ने रुपये मंगवाये थे. इस खेप के लिए उसे तीन लाख रुपये मिलने की बात कही जा रही है.