मोतिहारी. मानसून आने ही वाला है, लेकिन शहर में नाला उड़ाही कार्य शत्-प्रतिशत पूरा नहीं हो सका है. कई बड़े व छोटे ड्रेन की उड़ाही अभी शेष है. ऐसे में मानसून ब्रेक होने के बाद जल-जमाव की समस्या उत्पन्न होने से इंकार नहीं किया जा सकता. जबकि निगम प्रशासन की माने तो अधिकांश नाला की उड़ाही पूरी हो चुकी है. अब तो बरसात होने पर ही पता चलेगा कि निगम अपनी तैयारी में कितना खड़ा उतरता है. जबकि शहर के कई ऐसे नाला है, जिनकी उड़ाही तक नहीं की गयी है. जिससे बारिश में जल-जमाव की समस्या होने की संभावनाएं जतायी जा रही है. अगर समय रहते इन नालों की उड़ाही नहीं की गयी तो भारी बारिश होने पर कई मोहल्ला में जल-जमाव की समस्या उत्पन्न हो जायेगी. सड़कों पर जल-जमाव से आवागमन में भी लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. जानकारी के अनुसार शहर में करीब ढाई सौ छोटे नाला है. वही तीन दर्जन से अधिक बड़े ड्रेन है. इनमें एक तिहाई मुख्य ड्रेन की उड़ाही अबतक नही होना बताया जा रहा है. एलएनडी कॉलेज नाला का नहीं हो सका समाधान एलएनडी कॉलेज से सटे कृष्णनगर मोहल्ला को जानेवाली मुख्य पथ के जल-जमाव की समस्या का अबतक कोई ठोस समाधान नहीं हो सका है. पिछले दिनों की हल्की बारिश में सड़क पर जल-जमाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी. निगम प्रशासन के द्वारा सुपर शॉकर मशीन से पानी खिंचना पड़ा. इसके बाद भी निगम प्रशासन के द्वारा नहीं तो नाला उड़ाही की गयी और नही पानी निकासी को ले ठोस कदम उठाये गये है. ऐसे में बरसात होने पर जल जमाव की समस्या झेलनी पड़ सकती है. चांदमारी व अगरवा मुख्य ड्रेन बन सकती है परेशानी शहर के चांदमारी रेल गुमटी के पास बारिश में जल-जमाव की समस्या उत्पन्न हो जाती है. सड़क उंचा होने से भले ही अब सड़क पर जल-जमाव नहीं हो, लेकिन अब मोहल्ला में जल-जमाव की समस्या होना तय है. रेल दोहरीकरण से मोहल्ला के पानी का निकासी बंद हो गया है. ऐसे में बारिश में जल-निकासी बड़ी समस्या बन सकती है. वही अगरवा मोहल्ला के मुख्य ड्रेन की उड़ाही भी इस बार नहीं हो सकी है. जबकि हॉस्पिटल चौक, जिला स्कूल ग्राउंड का पानी का दबाव अगरवा मुख्य ड्रेन पर है. ऐसे में बारिश के दौरान नाला जाम रहा तो जल-जमाव की समस्या होने की संभावना है. प्रतिमाह 25 लाख नाला उड़ाही पर हो रहा खर्च शहर के नाला उड़ाही के लिए नगर निगम ने दिल्ली के नियोनी प्राइवेट लिमिटेड एजेंसी को हायर किया है. इस सफाई कार्य एजेंसी को शहर के सभी नाला की उड़ाही की जिम्मेवारी दी गयी है. नाला उड़ाही पर प्रतिमाह करीब 20 से 25 लाख रुपये खर्च हो रहा है. इसके बाद सभी छोटे-बड़े नाला का उड़ाही साल में एक बार भी नहीं हो पा रहा है. कई ऐसे मोहल्ला में वर्षों से नाला की उड़ाही नहीं हुआ है. जबकि नियोनी पिछले चार साल से मोतिहारी निगम में नाला उड़ाही का कार्य कर रही है, जो एजेंसी के कार्य पर सवाल खड़ा कर रहा है. कहते हैं अधिकारी कार्य एजेंसी को सभी नाला की उड़ाही का निर्देश दिया गया है. कुछ नाला उड़ाही कार्य में कोताही बरती गयी थी, इसको ले एजेंसी के भुगतान में कटौती की गयी है. पिछले दिनों बरसात में जिन जगहों पर नाला ओवरफ्लो हुआ, उस नाला की उड़ाही की गयी है. जिन वार्ड से लोगों की शिकायत मिल रही है, उन समस्याओं को दूर किया जा रहा है. ओवर ऑल एक विशेष अभियान चलाकर सभी नालों की उड़ाही संबंधी कार्य पूरा किया जायेगा. बरसात में जल-जमाव की समस्या नहीं हो, इसको ले हर संभव प्रयास जारी है. सौरभ सुमन यादव नगर आयुक्त, नगर निगम मोतिहारी
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