VIP Party News: बिहार में महागठबंधन ने इसबार पिछले चुनाव परिणाम की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है. 40 लोकसभा सीटों पर हुए घमासान का जब परिणाम सामने आया तो इसबार एनडीए को 30 सीटें मिलीं जबकि महागठबंधन के खाते में 9 सीटें आयीं. 1 निर्दलीय उम्मीदवार जीते. महागठबंधन में राजद, कांग्रेस और वामदल के 9 प्रत्याशी तो जीते लेकिन मुकेश सहनी की पार्टी VIP को एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं हुई. वीआईपी के उम्मीदवार तीनों सीटों पर बड़े अंतर से हारे हैं.
तीन सीटों पर VIP ने उतारे थे उम्मीदवार
लोकसभा चुनाव 2024 में राजद ने मुकेश सहनी को भी साथ लिया था और वीआइपी पार्टी को तीन सीटें मिली थीं. गोपालगंज, झंझारपुर और मोतिहारी में वीआईपी के उम्मीदवार महागठबंधन की तरफ से उतारे गए थे. तीनों सीटों पर वीआई पार्टी को बड़े अंतर से हार मिली है.
लालू के गृह जिला गोपालगंज में राजद विधायकों के गढ़ में ही पिछड़े
गोपालगंज लालू यादव का गृह जिला है. यह सीट वीआईपी के खाते में गयी थी. जदयू ने यहां से डॉ आलोक कुमार सुमन को उम्मीदवार बनाया था. जबकि वीआईपी ने प्रेम नाथ चंचल उर्फ चंचल पासवान को टिकट दिया था. इस सीट पर जदयू उम्मीदवार ने वीआई के प्रत्याशी को 127180 वोटों से हराया. यहां वीआइपी को राजद विधायकों के गढ़ में ही कम वोट मिले हैं. हथुआ और बैकुंठपुर दोनों विधानसभा में वीआइपी को सबसे कम वोट मिले. दोनों जगह राजद के ही विधायक हैं.
पूर्वी चंपारण में अपने ही घर में पिछड़े VIP प्रत्याशी
पूर्वी चंपारण संसदीय सीट पर भाजपा के राधामोहन सिंह ने वीआईपी के डॉ. राजेश कुमार को सीधी टक्कर में 88287 वोटों से मात दी है. पूर्वी चंपारण लोकसभा के केसरिया व गोविंदगंज विधानसभा ने मुकेश सहनी की पार्टी को अधिक नुकसान पहुंचाया. वीआइपी के उम्मीदवार डॉ राजेश अपने गृह विधान सभा केसरिया में ही हार गये. वीआइपी उम्मीदवार डॉ राजेश केसरिया विस से पूर्व में विधायक रह चुके है और केसरिया उनका अपना गृह विधान सभा भी है.
झंझारपुर की लड़ाई में हर विधानसभा में पिछड़े
झंझारपुर में जदयू के रामप्रीत मंडल ने वीआईपी के प्रत्याशी सुमन कुमार महासेठ को सीधी टक्कर में 184169 वोटों से हराया. यहां वीआईपी पार्टी के उम्मीदवार सभी विधानसभा में पिछड़े रहे.
तेजस्वी के साथ मुकेश सहनी ने किए थे ताबड़तोड़ प्रचार
इधर, चुनाव प्रचार की बात करें तो महागठबंधन के लिए चुनाव प्रचार की कमान तेजस्वी यादव के हाथों में थी. तेजस्वी यादव ने 250 से अधिक जनसभाएं कीं और कई जगहों पर रोड शो भी किए. इस बार उनके साथ मुकेश सहनी भी हर जनसभा में मौजूद रहे. मुकेश सहनी और तेजस्वी यादव एकसाथ चुनाव प्रचार करते रहे.
हेलीकॉप्टर से बनाए वीडियो से छिड़ता रहा विवाद
मुकेश सहनी और तेजस्वी यादव ने चुनाव प्रचार में एकसाथ दम लगाया. दोनों हेलिकॉप्टर में बैठकर कभी मछली खाने का, कभी संतरा खाने का तो कभी केक कटिंग के वीडियो जारी किए और सियायी घमासान मचता रहा. वहीं मुकेश सहनी ने पूरी ऊर्जा के साथ जनसभाओं को भी संबोधित किया था.
दिल्ली की सियासत में एंट्री से चूकी VIP
‘सन ऑफ मल्लाह’ के नाम से सियासी मैदान में पहचान रखने वाले मुकेश सहनी इस चुनाव से पहले दोनों गठबंधन से अलग थे. वो सियासी जमीन पर पकड़ बनाने की कोशिश ही कर रहे थे. इसी बीच महागठबंधन ने उन्हें साथ लिया. मुकेश सहनी इस चुनाव में अपने प्रत्याशियों को जिताकर दिल्ली की राजनीति में दस्तक देने की उम्मीद जरूर लगाए होंगे जिसपर पूरी तरह पानी फिरा है. मुकेश सहनी की वजह से महागठबंधन को कितना फायदा हुआ ये तो सियासी मंथन का विषय है लेकिन खुद मुकेश सहनी अपने एक भी प्रत्याशी को जीत नहीं दिला सके.