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एमयू के 17 अंगीभूत कॉलेजों में प्रभारी प्राचार्यों की नियुक्ति बनेगी चुनौती

मुंगेर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. श्यामा राय के कार्यकाल के अंतिम समय में हुए शिक्षक प्रमोशन के बाद अब विश्वविद्यालय में शिक्षकों के वरीयता सूची में काफी परिवर्तन हो गया है.

राजभवन द्वारा पत्र भेजकर वरीय शिक्षक को प्रभारी प्राचार्य बनाने को लेकर दिये गये हैं निर्देश, प्रमोशन प्रक्रिया के बाद अब बदल गयी है वरीयता सूची, प्रतिनिधि, मुंगेर. मुंगेर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. श्यामा राय के कार्यकाल के अंतिम समय में हुए शिक्षक प्रमोशन के बाद अब विश्वविद्यालय में शिक्षकों के वरीयता सूची में काफी परिवर्तन हो गया है. ऐसे में 5 सितंबर को राजभवन द्वारा भेजे गये पत्र में वरीय शिक्षकों को ही कॉलेज का प्रभारी प्राचार्य बनाये जाने का निर्देश एमयू के लिये परेशानी को बढ़ा सकता है, क्योंकि अब कई कॉलेजों के शिक्षकों को दूसरे कॉलेज भेजकर वहां का प्रभारी प्राचार्य बनाया जा सकता है. 5 सितंबर को राजभवन द्वारा एक पत्र भेजा गया है. जिसमें राज्यपाल के प्रधान सचिव राबर्ट एल चोंग्थू ने कहा है कि वरीय शिक्षक के रहते अंगीभूत महाविद्यालयों में प्राचार्य की नियुक्ति के लिए अधिसूचित परिनियम की कंडिका-3.2.6 में उल्लेखित प्रावधानों के विपरीत है. परिनियम में वर्णित प्रावधानों के आलोक में ही कॉलेजों में प्रभारी प्राचार्य बनाया जाना है. ऐसे में अंगीभूत कॉलेजों में प्रभारी प्राचार्य बनाए जाने से संबंधित राजभवन सचिवालय के निर्देश के तहत इससे संबंधित स्पष्ट प्रस्ताव 15 दिनों के अंदर सचिवालय को उपलब्ध कराया जाये.

कई कालेजों को मिल सकते हैं नए प्रभारी प्राचार्य

राजभवन सचिवालय के इस आदेश के आधार पर एमयू के कई कालेजों को नए प्रभारी प्राचार्य मिल सकते हैं. इसमें महिला कॉलेज खगड़िया, कोसी कॉलेज खगड़िया, केकेएम कॉलेज, जमुई सहित अन्य कई कॉलेज शामिल हैं. बताते चलें कि आरडी एंड डीजे कॉलेज के अर्थशास्त्र विभाग के सहायक प्राध्यापक मनोज कुमार मंडल को पूर्व कुलपति के समय ही महिला कालेज खगड़िया स्थानांतरित किया गया था. इसके कुछ दिनों बाद उन्हें कॉलेज का प्रभारी प्राचार्य बना दिया गया. हालांकि प्रभारी प्राचार्य पद से मुक्त होने को लेकर उनके द्वारा विश्वविद्यालय को पत्र भी दिया गया है. वहीं कोशी कॉलेज खगड़िया में पीजी सेंटर संचालित है. ऐसे में वहां भी वरीयतम शिक्षक को ही प्रभारी प्राचार्य बनाया जायेगा. जबकि कुछ ऐसा ही मामला केकेएम कॉलेज, जमुई का भी है. जहां पीजी सेंटर संचालित होता है. ऐसे में वहां वरीय एसोसिएट प्रोफेसर को प्रभारी प्राचार्य की जिम्मेदारी देनी होगी.

कहते हैं कुलपति

प्रभारी

कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी ने बताया कि

राजभवन से इस संबंध में पत्र प्राप्त हुआ है. निर्धारित समय सीमा के अंदर वरीयता के आधार पर बिहार विश्वविद्यालय अधिनियम में वर्णित परिनियम के तहत प्रभारी प्राचार्य बनाए जाने से संबंधित प्रस्ताव राजभवन को भेज दिया जायेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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