- बिजली कनेक्शन के अभाव में बंद पड़ा है मुख्यालय का हाइडेंट सिस्टम
- एक किलोमीटर दूर जाकर भरा जाता है वाहनों में पानी
Bihar News: हाल के दिनों में अग्निशमन विभाग की गाड़ियों के सायरन की आवाज लगातार सुनायी देने लगी है, क्योंकि गर्मी के मौसम में बहनेवाली तेज पछुआ हवा आग को गति प्रदान कर रही है. गांव में लोगों की लापरवाही से हर साल सैकड़ों घर जल जाते हैं, लाखों की संपत्ति का नुकसान हो जाता है, हजारों एकड़ गेहूं की फसल खेतों में जल जाती है. अब इसकी शुरूआत जिले में हो चुकी है. 10 से अधिक आग की घटनाएं इस माह अब तक हो चुकी हैं. आलम यह है कि जिले के 17 लाख 32 हजार 301 लोगों के अग्नि सुरक्षा की जिम्मेदारी 17 बड़े-छोटे दमकल पर ही टिकी हुई है.
अग्निशमन विभाग का दावा, आग से निबटने की है पूरी तैयारी
अग्निशमन विभाग ने दावा किया कि आग से निबटने के लिए विभाग पूरी तरह से तैयार है. मुंगेर में अनुमंडल स्थल पर अग्निशमन विभाग संंचालित होता है. जिले में कुल 17 दमकल हैं और सभी चालू हालत में है. मुंगेर सदर में जहां 5000 हजार लीटर पानी क्षमतावाले चार वाटर टेंडर वाहन हैं, वहीं सदर अनुमंडल के नयारामनगर थाना, धरहरा, मुफस्सिल, बरियारपुर, जमालपुर थाना एवं मुख्यालय में छह फायर मिक्स टेक्नोलॉजी की गाड़ियां हैं. हवेली खड़गपुर अनुमंडल में दो वाटर टेंडर हैं, लेकिन एक भी छोटा दमकल नहीं है. यहां थाने के लिए छोटे दमकल की डिमांड की गयी है. तारापुर अनुमंडल में दो वाटर टेंडर एवं इस अनुमंडल के संग्रामपुर थाना, असगंज एवं तारापुर थाने में तीन छोटे दमकल हैं. अग्निशमन विभाग में 104 अग्निक हैं, जिनमें 48 फुल ट्रेंड हैं. 18 चालक, मुंगेर सदर व तारापुर में सहायक जिला अग्निशमन पदाधिकारी एवं खड़गपुर में एक सब ऑफिसर हैं. विभाग की मानें, तो आग लगने पर जहरीले धुएं से बचाव के लिए वृद्धिंग ऑपरेटर सिस्टम, कटर मशीन, फ्लोटिंग पंप सहित अन्य संसाधन उपलब्ध हैं. सभी वाहनों पर फोल्डर वाली सीढ़ियां लगी हुई हैं. पेट्रोल पंप व तेल से होनेवाली अगलगी की घटनाओं को काबू करने के लिए 150 लीटर फोम टेंडर उपलब्ध है.
एक किलोमीटर दूर से दमकल में भरा जाता है पानी
मुंगेर सदर अग्निशमन विभाग नया भवन में शिफ्ट हो चुका है. यहां पर हाईडेंट सिस्टम लगा हुआ है, लेकिन बिजली कनेक्शन और जेनेरेटरसेट के अभाव में यह चालू नहीं है. इसके कारण जिला मुख्यालय में जो भी दमकल हैं, उनमें पानी भरने के लिए एक किलोमीटर दूर कस्तूरबा वाटर वर्क्स में जाना पड़ता है. विभाग का दावा है कि एक सप्ताह में यह समस्या दूर हो जाएगी. जिला मुख्यालय में 30 से 40 स्थान चिह्नित हैं, जहां दमकल में पानी भरने की व्यवस्था है. विभाग को एक फ्लोटिंग पंप भी मिला है, जिसके सहारे कुआं, तालाब, नदी, नाले से पानी को लिफ्ट कर दमकल में भरा जाएगा.
आम नागरिकों को किया जा रहा जागरूक
आग जैसी विभीषिका से निबटने के लिए अग्निशमन विभाग जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में मॉक ड्रिल कर लोगों को चरणबद्ध तरीके से जागरूक कर रहा है. इस दौरान गैस सिलिंडर, पेट्रोल, डीजल जैसे ज्वलनशील पदार्थ में आग लगने पर इससे निबटने की विशेष योजना के साथ आम लोगों को जागरूक किया जा रहा है. शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में अग्निशमन विभाग होटलों, रेस्टोरेंट, मॉल, बड़ी दुकानों में आग लगने के दौरान इससे निबटने की उनकी तैयारियों का भी जायजा ले रहा है. वहां आग बुझाने के यंत्र लगाने के निर्देश दिये गये हैं. जिले में पहले से ही आपदा मित्र हर पंचायत में मौजूद हैं, जिनको दो-तीन दिनों में ट्रेनिंग दी जाएगी.
कहते हैं पदाधिकारी
जिला अग्निशमन पदाधिकारी अनुज कुमार ने कहा कि आग जैसी घटना से निबटने के लिए विभाग पूरी तरह से तैयार है. इससे निबटने में आम लोगों की भी सहभागिता जरूरी है. आम लोगों के साथ संबंधित क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के जागरूक होने से समय रहते इस घटना से होनेवाली बड़ी तबाही को रोका जा सकता है.
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