13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मुंगेर विश्वविद्यालय : अबतक कॉलेजों में वरीयता के आधार पर नहीं बन पाये प्राचार्य

मुंगेर विश्वविद्यालय की बदहाल व्यवस्था के बीच अब राजभवन के आदेशों को लेकर भी विश्वविद्यालय पूरी तरह लापरवाह बन गया है.

– 5 सितंबर को ही राजभवन द्वारा वरीय शिक्षक को प्रभारी प्राचार्य बनाने को लेकर दिये गये थे निर्देश

– एमयू में अगस्त माह में हुए शिक्षक प्रमोशन प्रक्रिया के बाद बदल गयी है वरीयता सूची

मुंगेर. मुंगेर विश्वविद्यालय की बदहाल व्यवस्था के बीच अब राजभवन के आदेशों को लेकर भी विश्वविद्यालय पूरी तरह लापरवाह बन गया है. इस कारण ही राजभवन के निर्देश के दो माह बाद भी विश्वविद्यालय अपने 17 अंगीभूत कॉलेजों में वरीयता के आधार पर प्रभारी प्राचार्य नहीं बना पाया गया है. जबकि इसे लेकर राजभवन द्वारा 5 सितंबर को ही पत्र भेजकर इसके अनुपालन का निर्देश दिया गया था.

वरीय शिक्षकों को ही देना है प्राचार्य का प्रभार

5 सितंबर को राजभवन द्वारा विश्वविद्यालय को एक पत्र भेजा गया था. जिसमें राज्यपाल के प्रधान सचिव राबर्ट एल. चोग्थू ने कहा है कि वरीय शिक्षक के रहते अंगीभूत महाविद्यालयों में प्राचार्य की नियुक्ति के लिए अधिसूचित परिनियम की कंडिका-3.2.6 में उल्लेखित प्रावधानों के विपरीत है. परिनियम में वर्णित प्रावधानों के आलोक में ही कॉलेजों में प्रभारी प्राचार्य बनाया जाना है. ऐसे में अंगीभूत कॉलेजों में प्रभारी प्राचार्य बनाए जाने से संबंधित राजभवन सचिवालय के निर्देश के तहत इससे संबंधित स्पष्ट प्रस्ताव 15 दिनों के अंदर सचिवालय को उपलब्ध कराया जाये.

अबतक आदेश का नहीं हो पाया है अनुपालन

राजभवन सचिवालय के इस आदेश के आधार पर एमयू के कई कालेजों को नए प्रभारी प्राचार्य मिलने हैं, क्योंकि यहां वरीयता के आधार पर प्राचार्य का प्रभार नहीं है. इसमें महिला कॉलेज खगड़िया, कोसी कॉलेज खगड़िया, केकेएम कॉलेज, जमुई सहित अन्य कई कॉलेज शामिल हैं. बताते चलें कि आरडी एंड डीजे कॉलेज के अर्थशास्त्र विभाग के सहायक प्राध्यापक मनोज कुमार मंडल को पूर्व कुलपति प्रो. श्यामा राय के समय ही महिला कालेज खगड़िया स्थानांरित किया गया. इसके कुछ दिनों बाद उन्हें कॉलेज का प्रभारी प्राचार्य बना दिया गया. हलांकि प्रभारी प्राचार्य पद से मुक्त होने को लेकर उनके द्वारा विश्वविद्यालय को पत्र भी दिया गया है. वहीं कोशी कॉलेज खगड़िया में पीजी सेंटर संचालित है. ऐसे में वहां भी वरीयतम शिक्षक को ही प्रभारी प्राचार्य बनाया जाना है. कुछ ऐसा ही मामला केकेएम कॉलेज, जमुई का भी है. जहां पीजी सेंटर संचालित होता है. ऐसे में वहां वरीय असोसियेट प्रोफेसर को प्रभारी प्राचार्य की जिम्मेदारी देनी है.

अगस्त में शिक्षक प्रमोशन के बाद बदल गयी है वरीयता सूची

बता दें कि एमयू द्वारा 5 अगस्त को अपने शिक्षकों को प्रोन्नति दी गयी. जिसके बाद विश्वविद्यालय में वरीयता की सूची बदल गयी है. ऐसे में एमयू के लिये राजभवन के आदेशों का अनुपालन और अधिक आवश्यक हो गया है, लेकिन बदहाल व्यवस्थाओं और शिक्षकों के बीच आपसी मतभेद के कारण अबतक एमयू अपने कॉलेजों में वरीयता के आधार पर प्रभारी प्राचार्य बनाने को लेकर राजभवन के आदेश का पालन नहीं कर पाया है. ्र

कहते हैं कुलसचिव

कुलसचिव कर्नल विजय कुमार ठाकुर ने बताया कि इसे लेकर कुलपति को पहले ही जानकारी दे दी गयी है. कुलपति से निर्देशानुसार जल्द ही वरीयता के आधार पर कॉलेजों में प्रभारी प्राचार्य बनाये जायेंगे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें