Munger news : सदर अस्पताल के इमरजेंसी व आइसीयू वार्ड के 6-6 बेड समेत पुरुष सर्जिकल, मेडिकल और महिला वार्ड के दो-दो बेड पर हाई डिपेंडेंसी यूनिट (एचडीयू) के तहत कॉडियेक मॉनीटर लगाया गया है. इससे अब अति गंभीर मरीजों को वार्डों में ही प्राइमरी स्टेज के इलाज की सुविधा मिलेगी. मरीजों के लिए लगाये गये कॉडियेक मॉनीटर को लेकर आइसीयू व इमरजेंसी वार्ड में सेंट्रल मॉनीटरिंग सिस्टम (सीएमएस) लगाया गया है. इसके जरिये चिकित्सक वार्ड में भर्ती मरीजों के स्वास्थ्य की मॉनीटरिंग एक जगह बैठकर ही कर सकेंगे.
अस्पताल में लगाया गया है 20 कॉडियेक मॉनीटर
अस्पताल प्रबंधक तौसिफ हसनैन ने बताया कि अस्पताल द्वारा बीएमएसआइसीएल से कॉडियेक मॉनीटर की डिमांड की गयी थी. इसमें बीएमएसआइसीएल ने 20 कॉडियेक मॉनिटर अस्पताल को उपलब्ध करा दिया गया है. इसे अस्पताल के अलग-अलग वार्डों में लगाया गया है. उन्होंने बताया कि अस्पताल के इमरजेंसी तथा आइसीयू वार्ड के सभी 06 बेडों पर कॉडियेक मॉनीटर लगाया गया है. पुरुष मेडिकल में दो, पुरुष सर्जिकल में दो तथा महिला वार्ड में दो बेड पर कॉडियेक मॉनीटर लगाया गया है. इसपर अति गंभीर मरीजों को इलाज के लिए आवश्यकता पड़ने पर रखा जायेगा.
05 पारा प्वाइंटर पर एक साथ कार्य करेगा कॉडियेक मॉनीटर
अस्पताल प्रबंधक ने बताया कि यह कॉडियेक मॉनीटर 05 पारा प्वाइंटों पर कार्य करेगा. इसमें यह मरीजों का रियल टाइम प्लस, ऑक्सीजन सेच्यूरेशन, टेंप्रेचर तथा इको कार्डियोग्राफी दिखायेगा. इस मॉनीटर की मदद से अति गंभीर मरीजों जैसे हृदय रोगी, अति गंभीर रूप से घायल, मस्तिष्क की बीमारी से पीड़ित आदि मरीजों की सभी आवश्यक जांचों को रियल टाइम मॉनीटर किया जा सकेगा. इतना ही नहीं इस कॉडियेक मॉनीटर में अर्लामिंग सिस्टम भी है, जिससे यदि किसी मरीज का सेच्यूरेशन या प्लस कम होता है, तो यह अलार्म बजने लगेगा.
आइसीयू व इमरजेंसी में बनाया गया है सीएमएस
इसके लिए आइसीयू व इमरजेंसी वार्ड में सेंट्रल मॉनीटरिंग सिस्टम लगाया गया है. इसमें सीसीटीवी मॉनीटर की तरह चिकित्सक अपनी जगह पर बैठकर ही सभी मरीजों को लगे कॉडियेक मॉनीटर की रीडिंग एक ही स्क्रीन पर देख सकेंगे. इससे न केवल चिकित्सकों को मरीजों के इलाज में मदद मिलेगी, बल्कि मरीजों को भी सही समय पर प्राइमरी स्टेज का इलाज मिल पायेगा. साथ ही इमरजेंसी वार्ड व आइसीयू जैसे विशेष वार्ड में बार-बार गंभीर मरीजों के बीपी, प्लस आदि जांच की परेशानी से भी मुक्ति मिलेगी. कई बार वार्डों में भी मरीजों की स्थिति बिगड़ जाती है. ऐसे में वैसे मरीजों को कॉडियेक मॉनीटर वाले बेड पर शिफ्ट किया जायेगा. इससे ऐसे गंभीर मरीजों को वार्ड में ही प्राइमरी स्टेज के इलाज की सुविधा मिल जायेगी.
मरीजों के साथ डॉक्टरों को भी होगी सुविधा : डॉ रमन
मुंगेर सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ रमन कुमार ने बताया कि वार्डों में कॉडियेक मॉनीटर लगने से मरीजों के साथ अब चिकित्सकों को भी इलाज में सुविधा होगी. इस मॉनीटर से मरीजों के रियल टाइम अपडेट को मॉनीटर किया जा सकता है. इससे किसी भी गंभीर मरीज को उसी स्थान पर प्राइमरी स्टेज के इलाज की सुविधा मिलेगी.