मिथिलांचल के कांवरियाें ने सुल्तानगंज में गंगा स्नान कर देवघर के लिए पैदल हुए रवाना
असरगंज. मौनी आमावस्या पर मिथिलांचल के कांवरियों सहित आसपास के श्रद्धालुओं ने बुधवार को सुल्तानगंज स्थित उत्तरवाहिनी गंगा में स्नान कर बोल बम के जयकारे के साथ देवघर के लिए रवाना हुए. कांवरिया पथ पर कांवरियों का जनसैलाब उमड़ पड़ा और केसरिया रंग के वेश धारण किये शिव भक्तों से सावन जैसा नजारा दिखा.हर-हर महादेव का जयकारा लगाते हुए देवघर गये कांवरिया
जानकारी के अनुसार मिथिलांचल के कांवरिया को कमरथुआ भी कहा जाता है. ये कांवरिया मुख्य रूप से बांस का कांवर का इस्तेमाल करते हैं और टोपी धारण करते हैं. जिन्हें पाग कहा जाता है. पैदल जाते समय हर शिव हर, हर-हर महादेव का जयकारा लगाते रहते हैं. कड़ाके की इस सर्दी में कांवरिया सड़क किनारे डेरा डालकर खाना बनाते हुए और विश्राम करते हैं. बुधवार को सुल्तानगंज-देवघर मुख्य मार्ग में कांवरिया वाहनों के अधिक परिचालन से जाम की स्थिति बनी रही. इस दौरान असरगंज थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार राय सुल्तानगंज-देवघर मुख्य मार्ग में लगातार गश्ती करते रहे.बसंत पंचमी के दिन बाबा भोलेनाथ का करेंगे जलाभिषेक
मान्यता है कि मां पार्वती मिथलांचल के होने की वजह से मिथलांचलवासी बसंत पंचमी के दिन बाबा भोलेनाथ पर जलाभिषेक करते हैं और मन्नतें मांगते हैं. इसलिए मिथिलांचल के कांवरिया उत्तरवाहिनी गंगा में स्नान कर अजगैबीनाथ मंदिर सुल्तानगंज में पूजा-पाठ करते हुए बाबा भोलेनाथ को जलाभिषेक करने के लिए पैदल देवघर के लिए रवाना हुए. बसंत पंचमी के दिन बाबा बैजनाथ धाम पहुंचकर जलाभिषेक एवं फल चढ़ाकर तिलकोत्सव करते हैं. यह परंपरा सदियों से चली आ रही है. कांवरियों ने बताया कि मौनी आमावस्या को उतरवाहनी गंगा में स्नान कर गंगाजल लेकर बाबा वैद्यनाथ का जलाभिषेक करने से सारी मन्नत पूरी होती है. कांवरियों का जत्था सड़क किनारे, बगीचा, प्रखंड कार्यालय परिसर असरगंज, बाबा फुलेश्वर नाथ मंदिर लदौआ, रामानंद परसीराम उच्च विद्यालय जलालाबाद, मध्य विद्यालय रहमतपुर, के एम कॉलेज बेलारी, माघी काली स्थान में पड़ाव दिया है. विश्राम के दौरान देर रात शिव भक्तों के भजन-कीर्तन से क्षेत्र गुंजायमान हो उठा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है