मुंगेरजिले में संचालित स्वास्थ्य कार्यक्रमों के प्रति लापरवाही बरतने वाले विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों के प्रबंधक व लेखापाल सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मियों पर गाज गिरी है. जिसे लेकर सिविल सर्जन द्वारा सभी से स्पष्टीकरण पूछा गया है. साथ ही कई स्वास्थ्य प्रबंधक व लेखापाल के 10 दिनों के वेतन पर रोक लगा दी गयी है. सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार सिन्हा ने बताया कि 22 नवंबर को स्वास्थ्य सेवाएं एवं स्वास्थ्य कार्यक्रमों को लेकर समीक्षा बैठक की गयी थी. जिसमें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, हवेली खड़गपुर तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, हवेली खड़गपुर के स्वास्थ्य प्रबंधक व लेखापाल से पेड मोबाइलाइजेशन से संबंधित कार्यक्रमों में लाभुकों को भुगतान नहीं किये जाने को लेकर स्पष्टीकरण पूछा गया है. साथ ही दोनों के नवंबर माह के 10 दिनों के वेतन पर रोक लगायी गयी है. इसके अतिरिक्त जमालपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत लाभुकों को भुगतान नहीं किये जाने तथा समीक्षा बैठक के दौरान इसे लेकर संतोषजनक जवाब नहीं देने के कारण संबंधित स्वास्थ्य प्रबंधक तथा सामुदायिक उत्प्रेरक से स्पष्टीकरण पूछते हुये दोनों के नवंबर माह के 10 दिनों के वेतन पर रोक लगायी गयी है. वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धरहरा में निर्देश के बावजूद वायरिंग कार्य नहीं कराने तथा एफएमआर कोड से राष्ट्रीय कार्यक्रमों की राशि का व्यय नहीं किये जाने को लेकर वहां के स्वास्थ्य प्रबंधक तथा लेखापाल से स्पष्टीकरण पूछा गया है. वहीं संतोषजनब जवाब नहीं मिलने पर दोनों के विरुद्ध विधिसंवत कार्रवाई की जायेगी. इसके अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरियारपुर में एफएमआर कोड में राशि होने के बावजूद उसका व्यय नहीं किये जाने को लेकर वहां के लेखापाल संतोष कुमार से स्पष्टीकरण पूछा गया है. साथ ही संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर विधिसंवत कार्रवाई किया जायेगा.
सीएससी धरहरा के लिपिक का कटा एक दिन का वेतन
धरहरा : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धरहरा में चिकित्सक, स्वास्थ्यकर्मियों के बाद अब लिपिक भी अपने कर्तव्यों में उदासीन बरत रहे है . इस बीच स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अविनाश कुमार ने अपने निरिक्षण क्रम मे लिपिक मयूक राय को अनाधिकृत रुप से अपने कर्तव्यों पर अनुपस्थित पाऐ जाने के बाद स्पष्टीकरण पूछते हुए उनके एक दिन के वेतन पर रोक लगा दी है. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने अपने पत्र में कहा है कि 22 नवंबर को लिपिक अवकाश पर थे. लेकिन इसके बाद 23 नवंबर को अपने कार्यस्थल पर अनाधिकृत रुप से अनुपस्थित मिले. जिसे लेकर उनसे स्पष्टीकरण पूछते हुये उक्त कार्य दिवस के वेतन पर रोक लगा दी गयी है. विदित हो कि मयूक राय धरहरा स्वास्थ्य केंद्र में लिपिक है और प्रभारी ने इन्हें ही अवकाश संबंधित कार्यों का दायित्व सौंप रखा है. अब ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि जिनके हवाले सभी को अवकाश देने का प्रभार है. जब वहीं अपनी मनमर्जी से अपनी अवकाश लेकर काम में लापरवाही बरत रहे है. केंद्र में कार्य करने वाले लोगों की मानें तो इससे पहले भी वे अक्सर अपने कार्य के दौरान गायब रहते है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है