Munger news : मुंगेर में गंगा पूरे उफान पर है और जलस्तर 38.52 मीटर को पार कर गया है, जो डेंजर लेबल से मात्र 81 सेंटीमीटर नीचे है. जलस्तर बढ़ने के कारण गंगा पार की आधा दर्जन पंचायतें बाढ़ के पानी से घिर गयी हैं. कई गांवों का संपर्क मार्ग भी भंग हो गया है. एकमात्र नाव ही उनके आवागमन का विकल्प है. इसके कारण अब वहां के लोगों को प्रशासनिक राहत की दरकार है.
डेंजर लेबल से मात्र 81 सेंटीमीटर नीचे बह रही गंगा
केंद्रीय जल आयोग की मानें, तो रविवार की शाम 6 बजे गंगा का जलस्तर 38.52 मीटर को पार गया था, जो डेंजर लेबल 39.33 मीटर 81 सेंटीमीटर नीचे बह रही है. हालांकि जलस्तर में वृद्धि की रफ्तार में कमी आयी है, पर अभी भी प्रतिघंटा हॉफ सेंटीमीटर की रफ्तार से गंगा बह रही है. केंद्रीय जल आयोग की मानें, तो रफ्तार भले ही कम हो गयी है, लेकिन बढ़ने की रफ्तार अभी जारी रहेगी. इसकी संभावना व्यक्त की गयी है कि अगर प्रतिघंटा हॉफ-हॉफ सेंटीमीटर भी गंगा बढ़ती है, तो दो-तीन दिनों में गंगा का जलस्तर डेंजर लेबल को पार कर जायेगा.
दिखने लगी बाढ़ की विभीषिका, गांवों में कैद हुए लोग
मुंगेर में लगातार गंगा के जलस्तर में वृद्धि होने से बाढ़ की समस्या उत्पन्न हो गयी है और चारों ओर बाढ़ की विभीषिका का असर दिखने लगा है. गंगा पार कुतलुपुर, जाफरनगर एवं टीकारामपुर पंचायत पूरी तरह से बाढ़ के पानी से घिर चुके हैं. अब बाढ़ का पानी गांवों व घरों में घुसने को बेताब है. इन सबके बीच इन पंचायतों काे शहर से जोड़ने वाला मार्ग भी जलमग्न हो गया है और उस पर बह रहे पानी में करेंटहै. कुतलुपुर, जाफरनगर को बलिया और पचवीर से जोड़नेवाले मुख्य मार्ग पर बाढ़ का पानी आ जाने से गांव का संपर्क टूट गया है. इसके कारण इन तीनों पंचायतों के लोग गांवों में कैद हो गये हैं. जरूरत पड़ने पर ही लोग 25 रुपये किराया देकर प्राइवेट नाव के सहारे आवागमन कर रहे हैं.
जिले की 18 पंचायतें हैं पूरी तरह से बाढ़ प्रभावित
जिले में तीन दर्जन से अधिक पंचायतें व नगर निगम मुंगेर के वार्ड बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आते हैं. इनमें सदर प्रखंड की 08, जमालपुर की 05, धरहरा की 03, बरियारपुर की 11, हवेली खड़गपुर की 04 तथा असरगंज की 02 पंचायतें शामिल हैं. इनमें 18 पंचायतें बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित होती हैं, जबकि 15 पंचायतें आंशिक रूप से प्रभावित होती हैं. इसके अलावा अगर पानी डेंजर लेबल पार कर लेता है, तो मुंगेर नगर निगम के चार वार्ड 3,31,41 और 43 में बाढ़ का पानी घुस जाता है. साथ ही धरहरा प्रखंड के एनएच-80 से सटी पंचायतों में भी पानी का प्रवेश हो जाता है.
रतनपुर चौर हुआ जलमग्न, मुख्य सड़क से भंग हुआ संपर्क
बरियारपुर प्रतिनिधि के अनुसार, बाढ़ का पानी खेतों को पूरी तरह से अपनी गिरफ्त में ले लिया है. इससे किसान अत्यधिक चिंतित हैं. शुरुआत में बढ़ता हुआ जलस्तर पहले गंगा किनारे क्षेत्र के फसलों को डुबाना शुरू किया. उसके बाद जैसे-जैसे बाढ़ के पानी का दबाव बढ़ा वह करारी के चौर क्षेत्र में बढ़ा और पानी का फैलाव हो गया. रतनपुर करारी क्षेत्र का चौर पूरी तरह से जलमग्न हो गया है. हजारों एकड़ खेत बाढ़ के पानी से भर गये हैं.ऋषिकुंड हॉल्ट के समीप बनी पुलिया के नीचे से रतनपुर पंचायत के लोगों का आवागमन होता है. इसमें बाढ़ का पानी भर गया है. इस कारण अब रतनपुर पंचायत के लोगों को 7-8 किलोमीटर अधिक दूरी तय कर बरियारपुर प्रखंड की ओर आना पड़ रहा है. किसी बीमार व्यक्ति को अगर इलाज की दरकार हुई तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाना परेशानियों से भरा होगा.