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केंद्र और राज्य की एनडीए सरकार संविधान और आरक्षण विरोधी : राजद

सरकार दलितों, पिछड़ों, अतिपिछड़ों, आदिवासियों को दिए जाने वाले आरक्षण कोटा को समाप्त करने का प्रयास कर रही है.

मुंगेर जिला राजद की ओर से गुरुवार को शहीद स्मारक के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया गया. धरना पर उपस्थित राजद नेताओं ने केंद्र और राज्य सरकार को संविधान और आरक्षण विरोधी करार देते हुए जमकर आलोचना की. धरना के उपरांत एक शिष्टमंडल जिलाधिकारी से मिलकर राज्यपाल के नाम अपने मांगों का ज्ञापन सौंपा. धरना का नेतृत्व में जिलाध्यक्ष त्रिलोकी नारायण शर्मा ने की. वक्ताओं ने कहा कि केंद्र और राज्य की एनडीए सरकार संविधान और आरक्षण विरोधी है. यह सरका अपनी संविधान विरोधी सोच और मानसिकता के कारण जिस प्रकार का काम कर रही है, उससे इनकी धूर्तआ स्पष्ट हो रहा है. सरकार दलितों, पिछड़ों, अतिपिछड़ों, आदिवासियों को दिए जाने वाले आरक्षण कोटा को समाप्त करने का प्रयास कर रही है. महागठबंधन की जब सरकार बनी तो तेजस्वी के नेतृत्व में 17 माह के कार्यकाल में आवाम हित में काम किया गया. लाखों बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरियों देने के साथ ही, जाती गत जनगणना कराया तथा गरीबों ,वंचितों के हक के लिए आरक्षण की सीमा को 65 प्रतिशत तक बढ़ाने का काम किया. लेकिन भाजपा के कारण बिहार के मुख्यमंत्री उस बढ़ाये गये आरक्षण की सीमा को केंद्र सरकार से 9वीं अनुसूची में डालने के लिए कोई सार्थक प्रयास नहीं किया और न ही करने का प्रयास कर रहे है. जिसको लेकर आज हमलोगों को धरना पर बैठना पड़ा. अगर बढ़े हुए आरक्षण को लागू नहीं किया जाता है तो सड़क से सदन तक आंदोलन किया जायेगा. धरना पर प्रदेश महासचिव प्रमोद कुमार यादव, पंकज यादव, अविनाश कुमार विद्यार्थी उर्फ मुकेश यादव, अरुण साह, जितेंद्र कुशवाहा, संतोष कुमार यादव, हसीउर रहमान, आकाशदीप यादव, आबिद हुसैन, नरेश सिंह यादव, बबीता भारती सहित अन्य बैठे हुए थे.

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