Purnia News : पूर्णिया. ट्रेड लाइसेंस लिये बगैर दुकानदारी कर राजस्व को चूना लगाने वाले कारोबारी अब नगर निगम के निशाने पर हैं. अब पकड़े जाने पर ऐसे दुकानदारों को हर्जाना भरना होगा. नगर निगम ने इसके लिए अभियान शुरू कर दिया है. एक आकलन के मुताबिक शहरी क्षेत्र में ऐसी 10 हजार दुकानें हैं, जिनके पास फिलहाल ट्रेड लाइसेंस नहीं है. इसके लिए पहले न तो दुकानदार की ओर से पहल हुई और न ही कभी निगम ने इसकी तरफ झांकने की जहमत उठायी. मगर बदलते दौर में नगर निगम इस मामले में सख्त होता दिख रहा है.
गौरतलब है कि शहर में अधिकतर दुकानें बिना ट्रेड लाइसेंस के संचालित की जा रही हैं. ऐसे दुकानदारों को नियम कानून की कभी कोई परवाह नहीं है. वे सिर्फ दुकान खोल संचालन शुरू कर देते हैं. जबकि जबकि नगर निगम क्षेत्र में स्थायी छोटे, मध्यम व बड़े कारोबारियों को व्यापार के लिए ट्रेड लाइसेंस लेना जरूरी है. इस कारण विभाग को भी राजस्व का चूना लग रहा है. यही वजह है कि नगर निगम ने ऐसे दुकानदारों को चिह्नित करने की मुहिम शुरू कर दी है. इन सबसे 50 रुपये के दर से जुर्माना वसूल किया जायेगा, जबकि लाइसेंस की अनिवार्यता कर दी जायेगी.
निगम के राजस्व को लग रहा लाखों का चूना
निगम द्वारा व्यापार करने की अनुमति के लिए ट्रेड लाइसेंस दिया जाता है. पूर्णिया शहर में तीन हजार छोटे-बड़े कारोबारी ही ट्रेड लाइसेंसधारी हैं, जबकि दस हजार से कहीं अधिक दुकानें संचालित हैं. अहम यह है कि इन लाइसेंसधारियों में महज चालू वित्तीय वर्ष में सिर्फ एक हजार दुकानदारों ने ही लाइसेंस का नवीनीकरण कराया है. जबकि चालू वित्तीय वर्ष में 537 छोटे-बड़े दुकानदारों ने ट्रेड लाइसेंस बनाया है. इस लिहाज से अभी नगर निगम क्षेत्र में मात्र डेढ़ हजार दुकानदारों के पास ही ट्रेड लाउसेंस प्राप्त है. इस तरह एक आकलन के मुताबिक करीब 8 हजार छोटे-बड़े स्थायी रूप से दुकानदारों के पास ट्रेड लाइसेंस नहीं है. इस लिहाज से बगैर लाइसेंसधारी दुकानदार नगर निगम को सालाना करीब दो करोड़ का चूना लगा रहे हैं.
एक सप्ताह के अंदर मिल जाता है लाइसेंस
छोटे से लेकर बड़े कारोबारियों को ट्रेड लाइसेंस के लिए 2500 रुपये तक शुल्क निर्धारित है. ट्रेड लाइसेंस अप्लाई के बाद जांच करने के उपरांत एक सप्ताह के अंदर लाइसेंस उपलब्ध करया जाता है. ट्रेड लाइसेंस की वैधता एक साल के लिए होती है, जो वित्तीय वर्ष के 31 मार्च तक होती है. इसके बाद फिर से नगर निगम में शुल्क अदा कर रिन्युअल करवाना पड़ता है. इसलिए ऐसे दुकानदार जो ट्रेड लाइसेंसधारी हैं, वे नवीनीकरण नहीं करा सके हैं, तो उन्हें अनिवार्य रूप से नवीनीकरण करा लेना चाहिए. अन्यथा वे कार्रवाई के दायरे में आ सकते हैं.
इन दुकानों को लेना है ट्रेड लाइसेंस
इसमें पान दुकान, जेनेरल स्टोर, मनिहारी दुकान, स्पेयर पार्ट्स दुकान, आटा मिल, कपड़ा दुकान, किराना दुकान, शॉपिंग मॉल, स्थायी रूप से फल दुकान, होटल, रेस्टूरेंट, सैलून, छोटा-बड़ा थोक विक्रेता सहित कई तरह के दुकानों को ट्रेड लाइसेंस नगर निगम से दिया जाता हैं. यह लाइसेंस लेना अनिवार्य है. दुकानदार आसानी से ट्रेड लाइसेंस अप्लाई कर सकते हैं. इसके लिए दुकान के रेंट एग्रीमेंट, अपडेट होल्डिंग रसीद, एक शपथ पत्र, आधार कार्ड और परिचय पत्र के साथ दुकानदार अप्लाई कर सकते हैं.
कारोबारियों को ट्रेड लाइसेंस लेना अनिवार्य
कहती हैं महापौर
आंकड़ों पर एक नजर
- 10 हजार से अधिक दुकानें बिना लाइसेंस के चल रही हैं
- 3000 छोटे-बड़े कारोबारी के पास ही है ट्रेड का लाइसेंस
- 1000 दुकानदारों ने ही कराया है लाइसेंस का नवीनीकरण
- 537 छोटे-बड़े दुकानदारों ने चालू वर्ष में लिया ट्रेड लाइसेंस
- 2500 रुपये तक ट्रेड लाइसेंस के लिए निर्धारित है शुल्क
- 50 रुपये तक पकड़े जाने पर लगाया जायेगा जुर्माना