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वार्डों में छत से टपक रहा बारिश का पानी

बदहाल सदर अस्पताल, भर्ती मरीज परेशान

मुंगेर. स्वास्थ्य विभाग अस्पताल के जर्जर भवन को ठीक कराने की जगह 100 बेड के नये मॉडल अस्पताल मिलने का राग अलाप रहा है. वहीं भविष्य में सुविधाओं की आस में सदर अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए वर्तमान में छत से टपक रहे बारिश के पानी से बचाना मुश्किल हो गया है. मरीज इससे बचने के लिए पूरी रात बेड लेकर इधर से उधर भटक रहे हैं. लगभग 20 लाख की जनसंख्या वाले मुंगेर जिले के सदर अस्पताल के वार्डों में भर्ती मरीजों का यह हाल है. सदर अस्पताल की बदहाल व्यवस्था के बीच ये इलाज कराने को मजबूर हैं. स्वास्थ्य विभागके लिए यहां मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना बड़ी चुनौती बनी हुई है.

छत से टपकता बारिश का पानी बढ़ा रहा मुसीबत

लगातार दो दिनों से हो रही बारिश ने सदर अस्पताल की बदहाल व्यवस्था के बीच वार्डों में भर्ती मरीजों के लिए मुसीबत बढ़ा दी है. बुधवार की रात से आरंभ बारिश के कारण अस्पताल के पुरुष वार्ड में रात से ही बारिश का पानी छत से टपकना शुरू हो गया. इसके कारण वार्ड में इलाजरत मरीजों की मुसीबत बढ़ गयी है. हाल यह है कि इलाज के लिए भर्ती बीमार बुजुर्ग व महिला मरीज पूरी रात छत से टपक रहे बारिश के पानी से बचने के लिए बेड लेकर वार्ड में इधर से उधर हटते रहे. हाल यह दिखा कि कहीं मरीज वार्ड के बीच में बेड लगाकर पड़े हैं तो जिन मरीजों को कहीं जगह नहीं मिल पायी, वे किसी तरह छत से टपकते पानी के बीच ही कोने में अपने बेड पर सोये रहे.

बरामदे पर भर्ती मरीजों के लिए दोहरी मुसीबत

सदर अस्पताल में पुरुष वार्ड और महिला वार्ड के बरामदे पर भी बेड लगाकर मरीजों को भर्ती किया जा रहा है. इनके लिये बारिश के बीच मुसीबत दोहरी हो गयी है. हाल यह है कि बरामदे पर भर्ती मरीजों के लिए जहां छत से टपक रहा बारिश का पानी मुसीबत बना है, वहीं उनके लिए बेड इधर-उधर करना तक मुश्किल है, क्योंकि खुले बरामदे पर बारिश सीधे उनके बेडों तक पहुंच रही है. ऐसे में बाढ़ और बारिश के कारण दस्त व डायरिया के मरीजों के लिए मुसीबत बढ़ गयी है. गुरुवार को भी बारिश के बीच पुरुष और महिला वार्ड के बरामदे पर भर्ती मरीज इलाज की जगह इसी मुसीबत से निबटने में लगे रहे.

कहते हैं मरीज

पुरुष वार्ड के मेडिकल वार्ड में भर्ती हेमजापुर निवासी जगदारन देवी, शंकरपुर निवासी शिवचंद्र राय, भागीचक निवासी रामानंद घोष आदि ने बताया कि बुधवार की रात से ही बारिश के कारण वार्ड में छत से बारिश का पानी टपक रहा है. इसके कारण पूरी रात बेड लेकर इधर से उधर करते रहे. अस्पताल प्रबंधन द्वारा वार्डों को ठीक नहीं कराया गया है. इससे परेशानी हो रही है. बारिश के बीच अस्पताल में इलाज कराना मुश्किल है. अधिकारी तो एसी वाले कमरों में आराम से बैठे रहते हैं, उनको मरीजों की मुसीबत से कोई मतलब नहीं है.

कहते हैं अस्पताल उपाधीक्षक

सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ रमन कुमार ने बताया कि वार्ड की जर्जर छत को लेकर सिविल सर्जन को जानकारी दी गयी है. हालांकि दिसंबर तक 100 बेड का मॉडल अस्पताल मिल जायेगा. जहां सभी प्रकार की सुविधाएं होंगी. इसके साथ ही नये भवन के वार्डों में मरीजों को सभी सुविधा मिल पायेगी.

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