बरियारपुर. गुरुवार की सुबह जमालपुर-भागलपुर रेलखंड पर ऋषिकुंड रेलवे हॉल्ट पर रतनपुर निवासी तीन लोगों की मौत की हृदय विदारक घटना से परिजनों के आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहा है और ग्रामीणों की आंखें भी नम है. शुक्रवार को किन्हीं के घरों में चूल्हे नहीं जले. शुक्रवार को तीनों शव का अंतिम संस्कार किया गया. शव को किसी के पुत्र ने तो किसी का पोता ने मुखाग्नि दिया. जबकि मृतका उषा देवी के पुत्र दूसरे प्रदेश में मजदूरी करने के कारण रतनपुर नहीं पहुंच पाये. उनके पुत्र की अनुपस्थिति में उनका पोता ने मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार के रस्म को पूरा किया. ट्रेन दुर्घटना में रतनपुर गांव के एक ही परिवार के 65 वर्षीय राम रुची देवी एवं उसका छोटा पुत्र 41 वर्षीय अमित कुमार एवं स्व. सुनील पांडे की 60 वर्षीय पत्नी उषा देवी की मौत हो गई थी. मृतका राम रूचि देवी को उनका बड़ा पुत्र मनोरंजन चौधरी एवं अमित कुमार को उसके पुत्र लभ आनंद ने मुखाग्नि दिया. राम रुचि देवी के पति रामानंद चौधरी के आंखों से आंसू टपक रहे थे जो अपनी पत्नी एवं पुत्र की मौत के गम में डूबे हुए थे. वहीं दूसरा परिवार उषा देवी को उसका 8 वर्षीय पोता हंसराज ने मुखाग्नि दिया. उनके तीनों पुत्र चंदन पांडेय, राजेश पांडे एवं आलोक पांडे दूसरे राज्यों में मजदूरी करते हैं जो शुक्रवार को रतनपुर गांव नहीं पहुंच पाये और अपनी मां का अंतिम दर्शन भी नहीं कर पाये. घटना से परिजन और ग्रामीणों की आंखें भी नम है. शुक्रवार को किन्हीं के घरों में चूल्हा नहीं जला. पड़ोसी द्वारा ही भोजन उपलब्ध कराया गया. परंतु वह भोजन का निवाला भी मृतक के परिजनों के कंठ के नीचे नहीं जा रहा है. सभी गम के साये में डूबे हैं. वहीं उषा देवी के घर की हालत काफी दयनीय थी. यही कारण था कि उसका तीनों पुत्र बाहर मजदूरी करता है. उषा देवी कच्चा मकान में अपना जीवनयापन करती थी. ऋषिकुंड में एकमात्र इसी पांडे परिवार द्वारा मुंडन संस्कार करवाया जाता है.
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