मुंगेर. उर्दू निदेशालय पटना के निर्देश पर उर्दू भाषी विद्यार्थी प्रोत्साहन राज्य योजना 2024-25 के तहत जिला उर्दू भाषा कोषांग द्वारा बुधवार को संग्रहालय सभागार में वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. उद्घाटन एडीएम मनोज कुमार वर्मा ने दीप प्रज्वलित कर किया. इस दौरान जिले के विभिन्न विद्यालयों और महाविद्यालयों से आए मैट्रिक, इंटर तथा स्नातक के 80 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया. एडीएम ने उर्दू भाषा की महत्ता पर बल देते हुए कहा कि यह सभ्यता और संस्कृति की भाषा है. इसे संरक्षित करना हमारी जिम्मेदारी है. उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर किया कि इस प्रकार के प्रतियोगिता व कार्यक्रम में लड़कियां भी बढ़-चढ़कर भाग ले रही हैं. उन्होंने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दीं और आग्रह किया कि वे भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों में भाग लेते रहें. इस दौरान जिला उर्दू नामा मुंगेर का विमोचन भी अपर समाहर्ता द्वारा किया गया. विशिष्ट अतिथि मुंगेर विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर उर्दू विभागाध्यक्ष प्रो. शाहिद राजमी ने कहा कि उर्दू केवल एक भाषा ही नहीं, बल्कि एक तहजीब है. इस दौरान प्रतियोगिता के लिये अलग-अलग विषय का निर्धारण किया गया था. जिसमें मैट्रिक स्तर के लिए तालीम की अहमियत, नज़्म और रुबाई, इंटरमीडिएट स्तर के लिए उर्दू जबान की अहमियत, फन-ए-अफसाना निगारी तथा स्नातक स्तर के लिए उर्दू गजल की मकबूलियत, नावेल निगारी थी. प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किये गये. साथ ही इनाम की नकद राशि आरटीजीएस के माध्यम से उनके खातों में भेजी जा रही है. निर्णायक मंडली में डा. जैन शम्सी, डॉ. आसिफ अली, रईसुर्रजा थे. मंच संचालन मो. मेराज ने किया. मौके पर जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी आरके दीपक, अब्दुल्ला बुखारी, जफर अहमद, अनु मोहम्मद, जावेद अख्तर आजाद, इकबाल अहमद इकबाल, खालिद शम्स, एहतेशाम आलम, मो. एहसान अनवर, मो. साबिर अनवर, इरफान, मुंतशिर आलम, सनावर शादाब मौजूद थे.
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