मुजफ्फरपुर: कटरा थाना क्षेत्र के एक गांव में किशोरी के साथ दो अलग-अलग समय पर दो लोगों द्वारा दुष्कर्म किये जाने के बाद पीड़िता द्वारा पुत्र को जन्म देने के मामले में कोर्ट द्वारा भेजे गये डीएनए टेस्ट का रिपोर्ट एडीजे -7 सह पॉक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश डाक्टर दिनेश कुमार प्रधान के न्यायालय में पहुंचा है. आरोपी मौलाना मकबूल ने जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कोर्ट में आवेदन देकर कहा कि डीएनए की जांच कोलकाता एफएसएल से करायी जाये. पटना फोरेंसिक लैब के रिपोर्ट को मानने से इनकार कर दिया और दावा किया कि पटना से आयी जांच रिपोर्ट सही नहीं है.
वहीं इस मामले में एक और आरोपी शोएब की ओर से कहा गया कि पटना स्थित फोरेंसिक लैब से आयी जांच रिपोर्ट बिल्कुल सही है. पटना फोरेंसिक लैब के रिपोर्ट को मानने में उसे कोई आपत्ति नहीं है. इस रिपोर्ट को सही मानते हुए प्रदर्श अंकित किया जाये. इसके बाद कोर्ट ने दोनों पक्षों के अधिवक्ता की बहस सुनने के बाद आवेदन पर आदेश सुरक्षित रखा है.
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कटरा थाना क्षेत्र के एक गांव में मौलवी मकबूल एवं थाना क्षेत्र के ही शोएब पर 17 वर्षीया किशोरी के बयान पर महिला थाने में तीन जुलाई, 2019 को केस दर्ज किया था. किशोरी ने बयान दिया था कि वह छह जनवरी 2019 को रात्रि 9 बजे मौलाना का खाना लेकर गयी. उनके लिये पीने का पानी बाहर से लेकर उनके कमरे में गयी. जहां मौलाना मुझे पकड़ लिया और मुझे जान मारने की धमकी देते हुए मेरे साथ दुष्कर्म किया . वहीं उसके बाद कटरा थाना क्षेत्र के ही शोयेब ने शादी का झांसा देकर करीब एक माह तक मुझसे शारीरिक संबंध बनाता रहा. जिससे मैं गर्भवती हो गयी और पुत्र को जन्म दी.